India News (इंडिया न्यूज), Haryana Government on Sex Ratio : हरियाणा में एक बार फिर लिंगानुपात गिरता जा रहा है। इसको लेकर प्रदेश सरकार चौकन्नी हो गई है। सरकार ने लगातार गिर रहे लिंगानुपात को रोकने के लिए सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि वे आरसीएच पंजीकरण (रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ आईडी) के बिना किसी भी गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड न करें। हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हरियाणा ने इस आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे व्यावहारिक रूप से असंभव और सामाजिक असंतुलन पैदा करने वाला बताया।
Haryana Government on Sex Ratio : क्या है आरसीएच पंजीकरण?
आरसीएच आईडी 15 से 49 वर्ष की सभी विवाहित और गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली एक विशिष्ट पहचान संख्या है, जिसका उपयोग गर्भावस्था की जांच और उपचार के लिए किया जाता है। गांवों और शहरों में नर्सों द्वारा यह आईडी बनाई जाती है, लेकिन पूरे प्रदेश में एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफ) की भारी कमी है।
Haryana Government on Sex Ratio
आईएमए का विरोध- आदेश अव्यवहारिक और गलत
आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. महावीर पी. जैन और महासचिव डॉ. धीरेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि सरकार की मंशा अवैध गर्भपात रोकने की है, जिसका समर्थन सभी डॉक्टर करते हैं, लेकिन इसे लागू करने का तरीका गलत और अव्यवहारिक है। हिसार में 3 लाख की आबादी पर सिर्फ 3 ए.एन.एम. हैं, जिससे आर.सी.एच. पंजीकरण का कार्य संभव नहीं।
कई बार ऐसी स्थिति होती है जब गर्भावस्था जारी रखना जरूरी नहीं होता, लेकिन इस नियम के कारण प्रभावित महिलाओं की पहचान उजागर हो सकती है, जो सामाजिक और पारिवारिक रूप से समस्याएं पैदा कर सकता है। गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (PCPNDT Act) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, तो इसे लागू करने से पहले कानून में बदलाव जरूरी है।
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हरियाणा का गिरता लिंगानुपात चिंता का विषय
हरियाणा में 2024 में जन्म लेने वाले 5,16,402 बच्चों में 52.35% लड़के और 47.64% लड़कियां हैं।
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2015 में लिंगानुपात: 876
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2016 में लिंगानुपात: 900 (बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का प्रभाव)
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2019 में लिंगानुपात: 923
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2024 में लिंगानुपात: 910
राज्य सरकार का मानना है कि अवैध लिंग परीक्षण और गर्भपात पर नियंत्रण पाना जरूरी है, लेकिन आईएमए का कहना है कि इस नीति को लागू करने से समाज और डॉक्टरों के बीच पैनिक बढ़ेगा और समस्या का समाधान नहीं निकलेगा।
सरकार से आदेश वापस लेने की मांग
आईएमए के डॉ. अजय महाजन, डॉ. महावीर जैन और डॉ. धीरेंद्र कुमार सोनी ने स्वास्थ्य महानिदेशक और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को पहले PCPNDT Act में बदलाव करना होगा और फिर उचित कदम उठाने होंगे। सरकार और डॉक्टरों के बीच इस विवाद के चलते अब स्वास्थ्य सचिव और आईएमए पदाधिकारियों के बीच बैठक की संभावना जताई जा रही है।
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