India News (इंडिया न्यूज), Haryana Paper Leak Case: साल 2017 में हरियाणा सिविल सेवा (ज्यूडिशियल ब्रांच) की परीक्षा में पेपर लीक होने का मामला सामने आया था, जिसमें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. बलविंदर कुमार शर्मा की संलिप्तता पाई गई। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में शर्मा और सुनीता नामक अन्य आरोपी को दोषी ठहराते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई है।

8 साल पुराना है मामला

शिकायतकर्ता महिला वकील द्वारा इस बात का भी दावा किया गया कि पेपर लाखों रुपये में बेचे गए थे। इस बात की जानकारी उन्हें सुनीता नाम की महिला ने दी थी और सुनीता ने ही इस परीक्षा में टॉप किया था। यह मामला उस समय उजागर हुआ, जब 16 जुलाई 2017 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के बाद पिंजौर की एक महिला वकील ने पेपर लीक होने की शिकायत हाईकोर्ट में दर्ज कराई।

SIT का गठन किया गया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच चंडीगढ़ से दिल्ली ट्रांसफर की गई, जहां इस केस की जांच के लिए SIT गठित की गई। जांच में पता चला कि डॉ. शर्मा और परीक्षा की महिला टॉपर के बीच 700 से अधिक बार फोन पर बातचीत हुई थी, जिससे शक की सुई डॉ. शर्मा की ओर मुड़ गई।

9 लोगों को बनाया आरोपी

इस मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया। अदालत ने डॉ. शर्मा और सुनीता को आईपीसी की धारा 120-बी और 409 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की 1988 की धारा  13 (1) (डी) के तहत दोषी पाया। वहीं, सुशीला नामक एक अन्य आरोपी को आईपीसी की धारा 411 के तहत दोषी ठहराया गया, लेकिन पहले से जेल में बिताए गए समय को सजा मानते हुए उसे रिहा कर दिया गया। इन आरोपी व्यक्तियों को धारा 420 आईपीसी और धारा 8 और 9 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और धारा 201 आईपीसी के तहत अपराधों के लिए बरी कर दिया गया है। इस मामले में छह अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है।

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