India News (इंडिया न्यूज), Haryana-Punjab Water Dispute : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की जुमलेबाज भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में पेयजल प्रबंधन को लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं किया, अगर समय रहते नहरों की साफ सफाई करवा ली गई होती तो प्रदेश को पूरी मात्रा में पानी मिलता, क्योंकि भाखड़ा नांगल बांध से हमारे हिस्से का जो पानी छोडा जाता है वह पूरी मात्रा में नहीं आ पाता।
आज हालात ऐसे हैै कि पंजाब सरकार हरियाणा के लोगों की प्यास बुझाने के बजाए पानी पर राजनीति कर रही है। प्रदेश में पेयजल संकट से हालात यहां तक पहुंच गए है कि 10 जिलों में गंभीर जल संकट गहराया हुआ है, 51 जलघर सूख चुके है, टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है और गांवों में एक दिन छोड़कर सप्लाई दी जा रही है। Haryana-Punjab Water Dispute
- पंजाब और हरियाणा में जल विवाद के चलते प्रदेश में गंभीर होता जा रहा है जल संकट
Haryana-Punjab Water Dispute : एसवाईएल नहर का मामला भी राजनीति की भेंट चढ़ गया
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मार्च माह में हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखाकर अनुरोध किया गया था के नहरों की साफ सफाई करवा ली जाए ताकि नहरों में पूरी मात्रा में पानी आ सके और अंतिम छोर तक (टेल) पानी पहुंच चुके, पर सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। हरियाणा के हिस्से के पूरे पानी का उपयोग तक सरकार नहीं कर पाई, एसवाईएल नहर का मामला भी राजनीति की भेंट चढ़ गया, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश तक पंजाब सरकार नहीं मान रही है।
Haryana-Punjab Water Dispute : हरियाणा के 10 जिलों में गंभीर जल संकट
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच हरियाणा के 10 जिलों में गंभीर जल संकट पैदा हो गया है। हालात यह हैं कि प्रदेश के 51 जलघरों में पानी पूरी तरह से सूख चुका है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी समेत दक्षिण हरियाणा के कई शहर हैं। जलघर के टैंकों में पानी खत्म होने से जनस्वास्थ्य विभाग की राशनिंग व्यवस्था भी कमजोर पड़ गई है। हालांकि अब ऐसे स्थानों पर ट्यूबवेल के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है। Haryana-Punjab Water Dispute
पंजाब सरकार उसे मानने को तैयार नहीं
कुमारी सैलजा ने कहा कि फिलहाल इन जिलों के शहरी क्षेत्रों में एक समय पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि गांवों में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी की आपूर्ति की जा रही है। शहरों में लोगों को प्यास बुझाने के लिए पैसा देकर टैंकर के पानी का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमारी सैलजा ने कहा है कि हाईकोर्ट ने भी हरियाणा के हित में फैसला दिया है पर पंजाब सरकार उसे मानने को तैयार नहीं है जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है।
पानी और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा
सिरसा में किसानों और ग्रामीणों को अब पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है, सिंचाई विभाग ने भी पानी की किल्लत के चलते अपने हाथ खड़े कर दिए है। किसान धान और नरमा की बिजाई करने की सोच रहे हैं, लेकिन पानी की किल्लत की वजह से किसान अब फसलों की बिजाई भी नहीं कर सकेगा। Haryana-Punjab Water Dispute