India News (इंडिया न्यूज), Protest Against Geo-Fencing : जियो फेंसिंग उपस्थिति के विरोध में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एशोसिएशन तथा स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ द्वारा राज्य के सभी सांसदों व विधायकों को ज्ञापन भेजे जाएंगे। यह जानकारी आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति मे बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एशोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शार्मिला देवी, महासचिव सहदेव आर्य तथा स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राममेहर वर्मा व प्रधान सुमित्रा देवी ने बताया कि इससे पूर्व 15 जून से 25 जून तक राज्य के सभी सिविल सर्जन कार्यालय पर रोष सभाएं करके सरकार को ज्ञापन भेजे जा चुके है। Protest Against Geo-Fencing
Protest Against Geo-Fencing : इस अव्यवहारिक आदेश को वापिस लेने की अपील की जायेगी
उन्होंने सरकार द्वारा जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति के आदेशों की निंदा करते हुए इस गैर कानूनी एवं कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों के हनन करने वाले निर्णय को तुरन्त वापिस नही लिया गया तो जुलाई माह में राज्य के सभी सांसदों व विधायकों के माध्यम से ज्ञापन भेजकर सरकार से इस अव्यवहारिक आदेश को वापिस लेने की अपील की जायेगी।
उसके उपरान्त भी कोई सकारात्मक कार्यवाही नही हुई तो अगस्त में स्वास्थ्य मन्त्री के रेवाडी आवास पर रोष प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने सरकार को चेताया कि विभाग के कुछ उच्च अधिकारी अनावश्यक फरमान जारी कर सरकार को बदनाम करने तथा सरकार व कर्मचारियों को बीच दरार पैदा करने का कार्य कर रहे है।
स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा व पैरामेडिकल के हजारो रिक्त पदों पर तुरन्त नियमित भर्ती करने की मांग की
उन्होंने हैरानी प्रकट करते हुए बताया कि कोविड के दौरान जब ज्यादातर विभागों के अधिकारी व कर्मचारी जब घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, उस समय स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने का कार्य कर रहे थे और उस समय प्रधानमंत्री सहित तमाम मंत्रियों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर फूल बरसाने का कार्य किया था।
परन्तु आज केवल स्वास्थ्य विभाग में ही जियो फेंसिंग आधारित लोकेशन उपस्थिति लगाने के आदेश दिये जा रहे है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि इस गैर कानूनी एवं कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों के हनन करने वाले निर्णय को तुरन्त वापिस लेने तथा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा व पैरामेडिकल के हजारो रिक्त पदों पर तुरन्त नियमित भर्ती करने की मांग की है।
रिक्त पदों पर चिंता जाहिर करते हुए अपनी 318 पेज की रिपोर्ट जारी की
गौरतलब है कि भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ के हजारो रिक्त पदों पर चिंता जाहिर करते हुए अपनी 318 पेज की रिपोर्ट जारी की है। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी रिपोर्ट में एम.पी.एच.डब्लू. के 3105 पदों में से 924, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य सुपरवाईजर महिला के 594 में से 276 तो पुरुष स्वास्थ्य सुपरवाइजर के 96 पद रिक्त है।
रिर्पोट के अनुसार फार्मासिस्ट के 1156 मे से 657, उप सिविल सर्जन के 122 मे से 53, प्रवर चिकित्सा अधिकारी के 367 मे से 120, चिकित्सा अधिकारी के 4211 में से 1217, डेन्टल सर्जन के 773 में से 226, नर्सिंग सिस्टर के 463 में 339, स्टाफ नर्स के 4776 में से 1365, पी.एच.एन. के 176 मे से 152 एल.टी. के 1302 मे से 669 रेडियोग्राफर के 389 में से 302 तो ऑपरेशन थिएटर अस्टिटंट के 465 मेंं से 256 पद रिक्त।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में जब इतनी भारी संख्या में पद रिक्त होने से जहां स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है वही पर वर्तमान कार्यरत चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कार्य की अधिकता से दबाव बना रहता है। Protest Against Geo-Fencing