India News (इंडिया न्यूज),Ambala: हिमानी नरवाल की हत्या के बाद हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। हिमानी की मां सविता रानी और भाई जतिन नरवाल ने कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। हिमानी की मां और भाई ने कहा कि इन चुनावों ने मेरी बेटी की जान ले ली। वह दीपेंद्र हुड्डा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विधायक जी की भी करीबी थी। वे एक-दूसरे से मिलते-जुलते थे। वहीं मामले को लेकर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने भी बयान दिया है। जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।

अनिल विज ने क्या कहा ?

हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि, “उनकी मां के आरोप गंभीर हैं। कांग्रेस के लोग पहले भी ऐसा करते आए हैं। जल्दी तरक्की करने के लिए दूसरों को पीछे ढकेलना कांग्रेस की पुरानी आदत है। पुलिस गहराई से इसकी जांच कर रही है। जो भी सच्चाई निकलेगी उसको अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।”

अंतिम संस्कार न करने की बात बोली

हिमानी की मां ने कहा कि वह 11 दिन तक यात्रा में शामिल रही थी।  मगर कोई कांग्रेस का नेता पूछने तक नहीं आया और ना किसी का कॉल आया।  वह कांग्रेस में सक्रिय थी। पार्टी में काम करते हुए चुनाव के दौरान बहस या छोटे मोटे झगड़े हो जाते थे, जिसके बारे में बेटी बताती थी। हिमानी मां ने आरोपी की गिरफ्तारी से पहले अंतिम संस्कार न करने की बात बोली।

BSF कैंप ले गई

आपको बता दें कि हिमानी की मां सविता रानी ने कहा कि चुनाव और पार्टी ने मेरी बेटी की जान ले ली।  इस वजह से उसने कुछ दुश्मन बना लिए। ये अपराधी पार्टी से भी हो सकते हैं, उसके दोस्त भी हो सकते हैं। 28 फरवरी को वह घर पर थी।  हमें पुलिस स्टेशन से घटना के बारे में फोन आया।  मेरी बेटी आशा हुड्डा (भूपिंदर सिंह हुड्डा की पत्नी) के बहुत करीब थी। जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता, मैं उसका अंतिम संस्कार नहीं करूंगी। हम थोड़े डर में रहते थे।  मैं अपने बेटे को यहां से BSF कैंप ले गई।

फोन रिसीव नहीं हुआ

उन्होंने आगे कहा कि मेरे बड़े बेटे की 2011 में हत्या कर दी गई और हमें कभी न्याय नहीं मिला।  इसलिए, मैं दूसरे बेटे की जान बचाने के लिए BSF कैंप ले गई।  चुनाव के बाद, वह पार्टी से थोड़ा निराश हो गई थी। उसने कहा कि उसे नौकरी चाहिए और वह पार्टी के लिए ज्यादा काम नहीं करना चाहती।  वह पिछले 10 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हुई थी।  वह शादी करने के लिए भी राजी हो गई थी। मैंने सुबह आशा हुड्डा को फोन किया था, लेकिन मेरा फोन रिसीव नहीं हुआ।