India News (इंडिया न्यूज), Dr Jaishree Malik : क्लासिकल होम्योपैथी क्लीनिक की डॉ. जयश्री मालिक ने बताया कि हीट स्ट्रोक गर्मी से संबंधित बीमारी (हाइपरथर्मिया) का सबसे गंभीर रूप है। यह तब होता है जब आपका शरीर जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाता है और ठंडा नहीं हो पाता। यह तब हो सकता है जब आप बहुत गर्म जगह पर हों। Dr. Jaishree Malik
Dr Jaishree Malik : हीट स्ट्रोक के कारण आपके शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता
जैसे कि बिना एयर कंडीशनिंग वाला घर, या अगर आप बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधि कर रहे हैं जिससे शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी पैदा होती है। हीट स्ट्रोक के कारण आपके शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है, जो आमतौर पर 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) से ज्यादा होता है। डॉ. जयश्री ने बताया कि साधारण भाषा में इसे लू लगाया या अतिताप भी कहते है। Dr Jaishree Malik
Dr Jaishree Malik : गर्मी से संबंधित बीमारियों से जुड़े कुछ लक्षण
गर्मी से संबंधित बीमारियों से जुड़े कुछ लक्षण जैसे कि सिर दर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना एवं बेहोशी होना,कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐंठन, नब्ज़ का असामान्य होना, सांस लेने में तकलीफ, भ्रम की अवस्था आदि देखने को मिलते हैं। Dr Jaishree Malik
क्या ना करें
धूप में खाली पेट ना निकले,
धूप में निकलने से पहले तरल पदार्थ का सेवन करें।
मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन न करें।
कूलर या एयर कंडीशनर से धूप में एकदम ना निकले।
Dr Jaishree Malik : होम्योपैथिक उपचार
डॉ. जयश्री मलिक का कहना है कि होम्योपैथी उपयोग रोगी के लक्षणों को नियंत्रित करने के साथ-साथ अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाले ऐसे विकारों से उबरने में भी काफी मददगार होता है। होम्योपैथी एक समग्र दृष्टिकोण का पालन करती है, इसीलिए इसमें समस्या के मूल कारण पर जोर दिया जाता है। होम्योपैथिक डॉक्टर उपचार योजना प्रदान करता है जो संपूर्ण स्वास्थ्य में बदलाव सुनिश्चित करता है।
लेकिन ध्यान रखें कि इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें। दवा कैसे, कब और कितनी मात्रा में लेनी है इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर ले। हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए शरीर में रखें पर्याप्त पानी का स्तर रखें। हल्के ढीले रंग के सूती कपड़े पहने, अपना सिर ढक कर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें। Dr Jaishree Malik