India News (इंडिया न्यूज), Insurance Policy Fraud : सीआईए थ्री पुलिस टीम ने मृत्यु की कगार पर खड़े लोगों की बीमा पॉलिसी करवा कर धोखाधड़ी से बीमा पॉलिस के पैसे हड़पने वाले गिरोह के चौथे आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान पहल सिंह निवासी बानीपुर शामली यूपी के रूप में हुई। सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर विजय ने बताया कि आरोपी पहल सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस आरोपी के संभावित ठीकानों पर दबिश दे रही थी। पुलिस टीम ने वीरवार को आरोपी को गिरफ्तार किया।
Insurance Policy Fraud : एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया
पूछताछ में आरोपी ने मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके अपने साथी आरोपी कुलदीप निवासी एल्डिको, सलीम निवासी नरवाना जीन्द व सचिन निवासी गुगनपुरा के साथ मिलकर गंभीर बीमारी से पीड़ित, मृत्यु की कगार पर खड़े लोगों की फर्जी तरिके से बीमा पॉलिस करवाकर पैसे हड़पने की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। Insurance Policy Fraud
पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया वह गंभीर बीमारी से पीड़ित या मरने की कगार पर खड़े लोगों की पहचान कर साथी आरोपी कुलदीप को उन लोगों की जानकारी देता था। साथी आरोपी कुलदीप उसे एक केस के 10 हजार रूपए देता था। गहनता से पूछताछ करने व आरोपी के हिस्से में आई राशि बरामद करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी पहल सिंह को माननीय न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। Insurance Policy Fraud
एल्डिकों के पास जीटी रोड से क्रेटा कार सहित गिरफ्तार किया था
प्रभारी इंस्पेक्टर विजय ने बताया कि सीआईए थ्री पुलिस टीम ने मृत्यु की कगार पर खड़े लोगो की फर्जी बीमा पॉलिसी कर रूपए हड़पने वाले गिरोह का भंडाफोड फोड़ कर नवम्बर 2024 में एल्डिको निवासी आरोपी कुलदीप को एल्डिकों के पास जीटी रोड से क्रेटा कार सहित गिरफ्तार किया था। मौके पर आरोपी के पास कार से विभिन्न बैंकों के 14 एटीएम कार्ड, 1 पास बुक, 4 चेक बुक, 17 बीमा पॉलिसी स्कीम के फार्म, 2 कलेम फार्म, 1 पेन कार्ड व 5 मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए थे।
मरने की कगार पर खड़े लोगों की पहचान कर आरोपी कुलदीप को उन लोगों की जानकारी देते थे
इसके पश्चात पुलिस ने विगत दिनों गिरोह के आरोपी सलीम निवासी हरि नगर नरवाना जीन्द हाल मौहाली पंजाब व सचिन निवासी गुगनपुरा जमालपुर शामली यूपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी सलीम व सचिन भी गंभीर बीमारी से पीड़ित या मरने की कगार पर खड़े लोगों की पहचान कर आरोपी कुलदीप को उन लोगों की जानकारी देते थे। आरोपी कुलदीप दोनों एक केस के 10 हजार रूपए देता था। दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत जेल भेजने के बाद पुलिस ने गिरोह के अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए उनके संभावित ठीकानों पर लगातार दबिश दे रही थी। Insurance Policy Fraud