इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज़), International Womens Day : सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक और सुरक्षा किसी भी क्षेत्र के जिक्र किया जाए तो आज महिलाओं का सशक्त रूप दिखाई देता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम ऐसी महिलाओं से आपको रू-ब-रू करवा रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है और वह दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा बने हुए हैं। इस अवसर पर अगर हम करनाल जिले की बात करें तो करनाल में राजनीतिक से लेकर कानूनी और प्रशासनिक भागदौड़ महिलाओं के हाथ में ज्यादा है।

International Womens Day : नगर निगम कमिश्नर डॉक्टर वैशाली शर्मा शहर को स्वच्छ बनाने में जुटीं

नगर निगम कमिश्नर डॉक्टर वैशाली शर्मा करनाल शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल करने के लक्ष्य में जुटी है, वहीं जिले में सीजेएम के पद पर नियुक्त इकरा हसन कानून और न्याय व्यवस्था को संभालते हुए वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी में लगी हैं। करनाल महापौर पद का कार्यभार दस वर्षों तक संभाल चुकी रेणु बाला गुप्ता ने राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल करते हुए अपनी एक खास पहचान बना ली है। रेणु बाला लगातार तीसरी बार मेयर चुनाव जीतकर रिकॉर्ड बना सकती है तो वहीं खेलों में भी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।

निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा की शैक्षणिक योग्यता

डॉक्टर वैशाली शर्मा करनाल कि निगम आयुक्त है और वह आईएएस है जो पहले एडीसी के पद पर भी काम कर चुकी हैं। डाॅ. वैशाली ने बताया कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कंप्लीट की है और जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की।

उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में सेकेंड अटेम्प्ट में आईएएस की परीक्षा पास की है। पहले फैमिली में कोई भी सिविल सर्विस सर्वेंट नहीं था। उनके पिता बैंक मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं, जबकि उनकी माता आईटीआई की ओनर है। उनके पति जुडिशल ऑफिसर सीनियर डिवीजन वाराणसी पोस्टेड है। उनके पति मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से रहने वाले हैं।

डॉ. इरम हसन सीजेएम करनाल

ऐसे ही समाज को प्रेरित करने वाली एक कहानी करनाल की सीजेएम डॉक्टर इरम हसन की है। यह मध्य वर्ग परिवार की बेटी है। जो मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली है। यह बीए एलएलबी ऑनर्स में गोल्ड मेडलिस्ट है और 23 वर्ष की आयु में 2012 में फर्स्ट अटेम्प्ट में ही जुडिशरी पेपर पास करके जज बनी थी। जो अब अपने कर्तव्य के साथ-साथ सामाजिक काम भी करती हैं और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती है।

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करनाल की दो बार रह चुकी मेयर रेनू बाला गुप्ता

वहीं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर करनाल की पूर्व नगर निगम में मेयर रेनू बाला गुप्ता भी ऐसी महिलाओं में शामिल है, जिन्होंने राजनीति में एक अलग पहचान बनाई है। वह दो बार करनाल नगर निगम की मेयर रह चुकी है और इस बार भी वह भारतीय जनता पार्टी की मेयर प्रत्याशी हैं। उन्होंने भी करनाल के विकास कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभाई है और यह भी लोगों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2013 में करनाल की राजनीति में कदम रखा था।

उनके वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ था जिसके चलते उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ा। उसके बाद उनको मेयर चुना गया। 2018 में करनाल में सीधे मेयर का चुनाव हुआ और उसमें वह मेयर बनी। इसके चलते उन्होंने करनाल को स्मार्ट सिटी बनाने का काम किया और वहीं करनाल के सुंदरकरण पर भी काम किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमारा एक परिवार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महिलाओं के लिए बहुत काम किया है। चाहे वह राजनीति की बात करो या अन्य चीजों की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं सभी महिलाओं को बधाई देना चाहती हूं और उनको रहती हूं कि वह जिस भी क्षेत्र में हो उसमें अपने आप को सफल बनाकर बुलंदियों तक पहुंचे और अपना और अपने देश का नाम रोशन करें।

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खेलों में करनाल की बेटियों ने भी किया कमाल

बॉक्सिंग की खिलाड़ी तमन्ना ने कहा कि खेलों में अपने पिता से प्रेरणा लेकर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है उनके पिता चाहते है कि वह एक अच्छी खिलाड़ी बने जिसके चलते उन्होंने इस खेल को चुना और उन्होंने 12 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की खिड़की के तौर पर स्टेट में गोल्ड मेडल जीता था । उसके बाद उन्होंने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था। उन्होंने कहा कि सभी बेटियों को अपने-अपने क्षेत्र में मेहनत करके अपने परिवार का और देश का नाम रोशन करना चाहिए वह भी चाहती है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे ही भारत का नाम रोशन करती रहे।

नीतिका डीएवी स्कूल की नेशनल चैंपियन में बन चुकी चैंपियन

बॉक्सिंग के खिलाड़ी नीतिका ने कहा कि उसने 3 साल पहले बॉक्सिंग के खेल शुरू किया था। पहले वह एथलीट में थी लेकिन उसमें वह अच्छा नहीं कर पाई और उसमें उसकी रुचि भी कम थी। जिसके चलते उसने बॉक्सिंग को चुना और बॉक्सिंग के खेलों में उन्होंने डीएवी स्कूल के नेशनल गेम में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने कहा कि उनको अपने पिता से प्रेरणा मिली है और वह चाहती है कि वह देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल और देश का नाम रोशनकरें।

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