कुरुक्षेत्र-इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Japanese Nijisseiki Pears : हरियाणा सहित भारत में बागवानी के क्षेत्र में अब बहुत ज्यादा बदलाव हो चुका है बागवानी में किसान फलों की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं और कृषि विशेषज्ञ के अच्छे प्रयास के चलते किसान अच्छा मुनाफा फलों की खेती में ले रहे हैं। हरियाणा और भारत के किसानों के लिए कुरुक्षेत्र के लाडवा में स्थित इंडो इजराइल उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र का अहम योगदान है क्योंकि बागवानी में किसी भी फल की अगर कोई नई वैरायटी तैयार की जाती है तो उसे वैरायटी का परीक्षण संस्थान में किया जाता है। Japanese Nijisseiki Pears

Japanese Nijisseiki Pears : किसानों के लिए इस संस्थान ने एक नई सौगात दी

अगर वह अच्छा प्रोडक्शन देती है तो उसको किसानों के लिए रिलीज किया जाता है ऐसे ही किसानों के लिए इस संस्थान ने एक नई सौगात दी है। संस्थान के अच्छे प्रयास के चलते जापान की नाशपाती की निजिस्सिकी वैरायटी ऑफ़ हरियाणा सहित भारत के कई राज्यों में लगाई जा रही है जो संस्थान के मेहनत से ही किसानों तक पहुंच पाई है। जिस किसान इसको लगाकर लखपति हो जाएंगे। तो आईए जानते हैं कि इस वैरायटी की खासियत क्या है। Japanese Nijisseiki Pears

Japanese Nijisseiki Pears : जापान की वैरायटी है नाशपाती की निजिस्सिकी किस्म

इंडो इजराइल उप उष्ण कटिबंधीय फल के विशेषज्ञ डॉक्टर धर्मपाल ने बताया कि यह वैरायटी जापान की है जापान देश के द्वारा ही इसको ईजाद किया गया है। उन्होंने कहा कि जब 2014 में यह सेंटर यहां पर बनाया जा रहा था तो वह पंजाब के लुधियाना से इस वैरायटी को लेकर आए थे। और उसके बाद ही इसको यहां पर ट्रायल के लिए लगाया गया था और करीब 10 – 11 साल के यह  पौधे हो गए हैं। ट्रायल में इनका यहां पर काफी अच्छा प्रोडक्शन रहा है जिसके बाद किसानों के लिए यहां पर पौधे तैयार किया जा रहे हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर है निजिस्सिकी

डॉ धर्मपाल ने बताया कि नाशपाती की निजिस्सिकी किस्म की बनावट चीकू और कीवी जैसी दिखाई देती है । लेकिन इसका स्वाद बिल्कुल अलग है । इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें दूसरी नाशपाती की अपेक्षा कम मिठास होती है जिसके चलते इसको शुगर रोगी भी खा सकते हैं इसके साथ-साथ इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व होने के चलते इसके खाने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है।

जो बुखार में काफी लाभदायक मानी जाती है। वहीं इसका खाने का स्वाद भी काफी अच्छा होता है जिसके चलते इसकी डिमांड मार्केट में बढ़ती जा रही है । उन्होंने बताया कि आज से कुछ साल पहले तक जो डिमांड हमारे पास 10% थी अब वह इस वैरायटी के डिमांड 1000% बढ़ चुकी है मतलब किसानों का इस वैरायटी की तरफ रुख काफी तेजी से हो रहा है क्योंकि इसमें काफी अच्छा मुनाफा है। Japanese Nijisseiki Pears

₹500 तक बिक रही निजिस्सिकी नाशपाती

डॉक्टर धर्मपाल ने बताया कि वैसे तो नाशपाती की कीमत कुछ ज्यादा नहीं होती लेकिन यह अब देश और विश्व के महंगे फलों में शामिल होने वाला फल है क्योंकि इसकी कीमत है 250 रुपए से लेकर ₹500 प्रति किलो ग्राम तक है। उन्होंने बताया कि यह किसानों के लिए एक नई नाशपाती की प्रजाति है जिसकी जानकारी अभी किसानों को नहीं है लेकिन अब इसकी जानकारी किसानों तक पहुंच रही है तो किसानों का इसकी तरफ रुझान भी बढ़ रहा है।

निजिस्सिकी की मदर डेयरी और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनी में है डिमांड

उन्होंने बताया कि निजिस्सिकी नाशपाती जापान की वैरायटी है लेकिन हरियाणा और भारत में भी इसका काफी अच्छा प्रोडक्शन रहा है। 2014 में पहली बार संस्थान के अंदर यह लगाई गई थी और 2018 में 4 साल के बाद ही इसने प्रोडक्शन देना शुरू किया था। लेकिन इसमें अच्छे गुण है जिसकी वजह से इसको खाने में काफी पसंद किया जा रहा है।

अभी भारत में इसकी शुरुआत हुई है जिसके चलते देश की बड़ी नामी कंपनी रिलायंस और मदर डेयरी में इसकी डिमांड है क्योंकि यह खास किस्म का फल है तो किसान भाई इसको फल मंडी में न बेचकर स्पेशल बड़ी कंपनियों को बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ सालों तक इसका और भी अच्छा भविष्य है अगर किसान इको लगते हैं तो सीधा यह कंपनी उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट करने को तैयार है क्योंकि इसकी देश-विदेशों में भारी डिमांड है। Japanese Nijisseiki Pears

एक बार लगाने पर 55 सालों तक देता है फल ,एक एकड़ से सालाना 5 से ₹6 लाख रुपए की कमाई

डॉक्टर धर्मपाल ने बताया कि यह पौधा एक बार खेत में लगाया जाता है और उसके बाद 55 सालों तक ही है फल देता रहता है एक बार ही खर्च करना होता है फिर दो पीडिया आराम से बैठकर पैसे कमा सकती हैं। उन्होंने कहा कि बहुत ही काम ऐसे फलों के पौधे होते हैं जो इतने लंबे समय तक फल देते हैं यह एक अच्छी बात है कि यह लंबे समय तक फल देता है एक पौधे पर 40 से 50 किलोग्राम फल आता है जिस किसान एक एकड़ से करीब 5 से 6 लाख रुपए आसानी से कमा सकते हैं। और लखपति बन सकता है। Japanese Nijisseiki Pears

हरियाणा सहित उत्तर भारत के राज्यों में बढ़ रही निजिस्सिकी की डिमांड

डॉक्टर धर्मपाल ने बताया कि पहले हम सिर्फ नाशपाती की एक ही वेराइटी देखा करते थे लेकिन जापान की निजिस्सिकी नाशपाती ने नाशपाती की खेती के प्रति लोगों की और किसान की सोच को बदल दिया है। क्योंकि यह जूसी होता है और खाने में काफी लाजवाब होता है और इसकी डिमांड इतनी है कि यह ₹500 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है जिसके चलते अब हरियाणा के किसान इसकी तरफ बढ़ रहे हैं और इसकी खेती करना शुरू कर दिया है।

अंबाला में चार एकड़ का बाग एक किसान ने लगाया है उसके बाद को 4 साल पूरे हो गए

संस्थान के द्वारा अंबाला हिसार सहित कई जिलों के किसानों को इस वैरायटी के पौधे बाग लगाने के लिए दिए हुए हैं अंबाला में चार एकड़ का बाग एक किसान ने लगाया है उसके बाद को 4 साल पूरे हो गए हैं । इस साल उसने फल देना शुरू कर दिया है। ऐसे ही दूसरे राज्य उत्तर प्रदेश पंजाब सहित कई राज्यों के किस उनके पास इस वैरायटी के पौधे लेने के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन अभी किसानों को वह कम मात्रा में ही पौधे उपलब्ध करा रहे हैं। किसानों तक ज्यादा मात्रा में पौधे पहुंचने के लिए प्राइवेट नर्सरियों का भी सहारा लिया जा रहा है ताकि किसान इस वैरायटी को लगाकर मालामाल हो सके। Japanese Nijisseiki Pears

चंडीगढ़ से विदेश में सप्लाई होता है निजिस्सिकी

उत्तर प्रदेश के किसान साजिद ने कहा कि वह पिछले काफी समय से लाडवा फल केंद्र से जुड़ा हुआ है और यही से वह पौधे लेकर उत्तर प्रदेश में अपने गांव गया था। उसने 1 एकड़ में करीब 200 पौधे लगाए हुए हैं और उनके चार साल के पौधे हो चुके हैं जिन्होंने फल देना शुरू कर दिया है वह ज्यादातर अपने नाशपाती को चंडीगढ़ ट्रेडर को भेजता है और वह उनको वहां से आगे ऑस्ट्रेलिया, दुबई, इसराइल जैसे देशों में सप्लाई करते हैं इसकी काफी डिमांड है जिसके चलते उनका इसका काफी अच्छा भाव मिल रहा है।

नाशपाती की यह किस्म सच में किसानों के लिए एक वरदान है क्योंकि यह सेब जैसे कई फलों से महंगी है हरियाणा और भारत के सबसे महंगे फलों में यह शामिल हो चुकी है। संस्थान के द्वारा किसानों को इसके पौधे खेत में बाग लगाने के लिए दिए जा रहे हैं भविष्य में किसान इस वैरायटी से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।Japanese Nijisseiki Pears

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