इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Colored Capsicum Cultivation : खेती के क्षेत्र में रोजगार स्थापित करने की बहुत संभावना है, अगर किसान सही तरीके से खेती करे तो वह उसमें भी अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं, जिसके चलते अब किसान परंपरागत तरीके से खेती को छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती करने लगे हैं। खेती को ही मुनाफे का सौदा बनाने लगे हैं।

परंपरागत तरीके से खेती में इतना मुनाफा नहीं होता, जिसके चलते अब सरकार सरकारी विभाग सहित सभी मिलकर किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और योजनाओं का लाभ दे रहे हैं, ताकि वह आधुनिक तरीके से खेती करके समृद्ध बन सकें। ऐसे ही हरियाणा के कुरुक्षेत्र के एक युवा किसान है जिन्होंने परंपरागत तरीके से खेती करना छोड़ आधुनिक तरीका अपनाया और अब वह एक एकड़ से एक साल में 8 से 10 लाख रुपया कमा रहा है।

2017 में लगाया था पोली हाउस, परिवार की आर्थिक हालत सुधरी

कुरुक्षेत्र के प्रतापगढ़ के किसान चेतन सैनी ने बताया कि उन्होंने 2017 में एक एकड़ में पॉलीहाउस लगाया था हालांकि पहले वह परंपरागत तरीके से ही खेती करने लगे हुए थे, लेकिन उन्होंने सोचा कि परंपरागत तरीके से इतनी बचत नहीं होती, क्यों न सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर आधुनिक तरीके से खेती की जाए और उन्होंने बागवानी विभाग के तहत लगाए जाने वाले पॉलीहाउस के लिए आवेदन किया और अपने खेत में एक एकड़ में पोली हाउस लगाया, जिसे अब वह काफी समृद्ध बना हुआ है।

पॉलीहाउस में करते हैं रंगीन शिमला मिर्च, खीरे और फूलों की खेती

युवा किसान चेतन ने बताया कि पॉलीहाउस में किसी भी प्रकार की सब्जी या फूलों की खेती की जा सकती है लेकिन वह ज्यादातर अपने पॉलीहाउस में खीरे, फूल और रंगीन शिमला मिर्च की खेती करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक 4 महीने वह खीरे की खेती करते हैं, जिसमें आराम से वह 4 से 5 लाख रुपए चार महीने में काम लेते हैं। उसके बाद उन्होंने पहली बार इस बार रंगीन शिमला मिर्च की खेती शुरू की है जिसमें वह करीब चार से पांच लाख रुपया शुभ मुनाफा कमा रहे हैं।

1 एकड़ से साल में कमा रहे करीब 10 लाख रुपए

चेतन ने बताया कि अगर परंपरागत तरीके से खेती की जाए तो उसमें धान और गेहूं की खेती में 1 साल में मुश्किल से एक से डेढ़ लाख रुपए की बचत होती है। लेकिन अगर पॉलीहाउस की बात करें 1 एकड़ से ही वह 10 एकड़ के बराबर की खेती कर रहे हैं क्योंकि पॉलीहाउस में वह रंगीन शिमला मिर्च और खीरे की खेती करके करीब 10 लाख रुपया एक साल में एक एकड़ से कमा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सर्दियों के दिनों में शिमला मिर्च ढाई सौ से 300 प्रति किलो के हिसाब से बिक रही थी। हालांकि जैसे-जैसे गर्मियां शुरू हो गई हैं, वह थोड़ी मंदी हो गई हैं और मौजूदा समय में वह 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से जा रही है। अगर काम से कम रेट की एवरेज भी लगाएं तो 100 प्रति किलो के हिसाब से जाती है और एक एकड़ में करीब 80 क्विंटल शिमला मिर्च निकल जाती है। जिसे वह शिमला मिर्च से 8,00,000 से ज्यादा कमा रहे हैं, वहीं अगर खर्च की बात करें तो ढाई से 3 लाख रुपए प्रति एकड़ उनका खर्च आ रहा है, जिसे उनका शुद्ध मुनाफा 5 लाख रुपए के करीब है।

 

रंगीन शिमला मिर्च होती है खास इसलिए मूल्य होता है ज्यादा

उन्होंने बताया कि पोली हाउस लगाने से जहां किसान परिवार को सहायता मिलती है वहीं उनके साथ मजदूरों को भी मजबूती मिलती है, क्योंकि पॉलीहाउस में करीब 5 से 7 मजदूर 12 के 12 महीने मजदूरी के लिए रहते हैं। ऐसे में उनके लिए रोजगार स्थापित होते हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार उन्होंने शिमला मिर्च की खेती की है। यह रंगीन शिमला मिर्च होती है, जिसमें न्यूट्रिशन ज्यादा पाए जाते हैं और इसका मूल्य भी 300 या इससे भी अधिक हो सकता है।

हालांकि मूल्य में उतार-चढ़ाव जरूर बना रहता है लेकिन इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है। उन्होंने पीले और लाल रंग की शिमला मिर्च लगाई हुई है, जिसको तोड़ने के बाद वह पैकिंग करके दिल्ली आजादपुर मंडी में सप्लाई करते हैं और उनका पैसा सीधा उनके अकाउंट में कमीशन एजेंट के द्वारा डाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह काफी अच्छी खेती है।

बागवानी विभाग पोली हाउस लगाने पर देता है अनुदान

चेतन ने बताया कि बागवानी विभाग के द्वारा उनको पोली हाउस लगाने के लिए 65% अनुदान दिया गया था और उनका कुल 10 लाख रुपया खर्च हुआ था। वहीं सब्जियों की खेती करने में भी उनका विभाग अनुदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि शिमला मिर्च की पौध तैयार करने पर उनको अनुदान दिया जाता है, जिसे किसानों को आर्थिक तौर पर सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेती में ही नए-नए तरीके अपनाकर खेती को मुनाफे का सौदा बनाना चाहिए। परंपरागत तरीके से खेती में कम बचत होती है, इसलिए नए और आधुनिक तरीके से खेती करें तो उनको अपने घर पर ही हर महीना लाखों रुपए की इनकम हो सकती है।

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सरकार के द्वारा बागवानी में किसानों को दिया जा रहा प्रोत्साहन

वहीं डॉ. सत्यनारायण जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि बागवानी विभाग के द्वारा किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और उनको कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, ताकि वह बागवानी अपनाकर आधुनिक तरीके से खेती करें और अपने आप को समृद्ध बनाएं। उन्होंने बताया कि पोली हाउस पर विशेष तौर पर अनुदान दिया जा रहा है, ताकि किसान पोली हाउस लगाकर अपने आमदनी को बढ़ाएं और अच्छी खेती करें।

उन्होंने बताया कि चेतन भी एक ऐसे ही किसान हैं, जिन्होंने बागवानी विभाग के तहत पोली हाउस लगाया है उसमें वह शिमला मिर्च और खीरे की खेती कर रहे हैं। शिमला मिर्च का भाव काफी ज्यादा होता है और यह एक एकड़ में करीब 10,000 पौधे लगाए जाते हैं।

दूसरी शिमला मिर्च से ज्यादा इसमें न्यूट्रीशन होते हैं, जिसके चलते इसको विशेष तौर पर पार्टी, विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं सभी किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि बागवानी में किसानों का भविष्य बहुत अच्छा है और वह अच्छी खेती करें और अच्छा मुनाफा कमाएं।

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