प्रवीण वालिया, करनाल-India News (इंडिया न्यूज), Karnal News : जहां एक तरफ करनाल को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रशासन और सरकार करोडों रुपए खर्च कर रही हैं। वहीं पर करनाल का कनॉट प्लेस और करनाल का दिल माना जाने वाला पुराना जीटी रोड और कर्ण गेट क्षेत्र अतिक्रमण और बरामदों के साथ फुटपाथ पर कब्जा करने के कारण अपनी खूबसूरती खोता जा रहा है। कर्ण गेट क्षेत्र में कई जगह तो हालात यह है कि यदि कहीं पर हादसा हो जाए तो यहां पर दमकल की गाड़ियां नहीं घुस सकती हैं। Karnal News
- किराया वसूली का कोई रिकॉर्ड नहीं, ‘आप जानते हो’ कहकर टालते हैं सवाल
- फुटपाथ गायब, बरामदे सील, दमकल वाहन भी नहीं घुस सकते
Karnal News : जो लाखों रुपए किराए के रूप में नगर निगम को जाना चाहिए, वह दुकानदारों की जेब में जा रहे
यहां पर लगभग तीन सौ से अधिक फड़ी और रेहड़ी वाले हैं। जिनसे जो लाखों रुपए किराए के रूप में नगर निगम को जाना चाहिए, वह यहां के दुकानदारों की जेब में जा रहे हैं। इस क्षेत्र में एक दुकान के आगे बैठने वाला प्रति माह 70 हजार रुपया किराया देता है। इसके अलावा इस बाजार में दुकानदारों ने दोनों तरफ बनाए तीन फुट के फुटपाथ को भी समाप्त कर दिया है। यहां पर फुटपाथ और बरामदा बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे अशोक खट्टर ने बताया कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। Karnal News
Karnal News : कुछ राजनीति में रसूख रखने वाले नेता भी शामिल
कर्ण गेट में कोई भी अपनी स्कूटी ढंग से नहीं निकाल सकता है। यही हाल पुराने जीटी रोड और दुपट्टा मार्केट में बने हुए हैं। अतिक्रमण करने वालों में कुछ राजनीति में रसूख रखने वाले नेता भी शामिल हैं। कानूनी जानकार बताते हैं सरकार के द्वारा बनाए स्ट्रक्चर में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता हैं।
यहां पर बैठे तीन सौ से अधिक फड़ी और रेहड़ी वाले लगभग 30 साल से बैठे हैं। किराया किसे दे रहे थे, इस पर खामोश हैं। दबी जुबान से कहते हैं कि आप सब जानते हो तो बताओ हमसे क्यों पूछते हो। इस बाजार का कायाकल्प नगर सुधार न्यास के पूर्व चेयरमैन राकेश नागपाल ने किया था। उन्होंने तीन फुट का फुटपाथ बनवाया था। Karnal News
दुकानदारों ने अपने लालच के कारण इस बाजार को तंग बना दिया
इसके अलावा इस क्षेत्र को खुबसूरती प्रदान की थी लेकिन दुकानदारों ने अपने लालच के कारण इस बाजार को तंग बना दिया। फेस्टिवल सीजन में इस बाजार में सें निकलना मुश्किल हो जाता है। सन डे बाजार जब लगता है तो किराया किसके पास जाता है यह सवाल आज भी लोगों के सामने खड़ा है।
यदि यहां पर रेहड़ी और फड़ी वालों को कानूनी हक प्रदान कर उन्हें खुबसूरत हाट बनाकर पुरानी सब्जी मंडी में बिठा दिया जाए तो नगर निगम को करोड़ों की आय हो सकती है। यह बाजार भी खुला हो जाएगा। यहां पर दुकानदारों के वाहनों के लिए अलग पार्किंग बनाई जाए। तो यहां खूबसूरती बढ़ेंगी। इस मामले में नगर निगम के अफसर खामोश हैं। Karnal News