प्रवीण वालिया, India News (इंडिया न्यूज), Karnal News : धूप हो या बारिश या फिर कडक़ती सर्दी लेकिन अपने कर्तव्य पथ पर खड़ा हुआ ट्रैफिक सिपाही थकता नहीं हैं। उसके लिए यातायात नियंत्रणकी सबसे अधिक प्राथमिकता रहती है। इसके अलावा वह भूख प्यास और थकान को भूल जाता हैं। देश में ट्रैफिक पुलिस का सिपाही सबसे जटिल परिस्थितियों में काम करता हैं। सभी पोस्ट छायादार नहीं हैं। कभी कभी तो अपने प्वाइंट पर खड़ा सिपाही चौबीस घंटे से अधिक ड्यूटी देता हैं। जब लोग घरों में सो रहे होते हैं। Karnal News
Karnal News : बचपन से ही समाज सेवा के प्रति जुनून
लोग दीपावली होली गणपति का पर्व मना रहे होते हैं, उस समय ट्रैफिक का सिपाही अपने प्वाइंट पर खड़ा होता है। करनाल में ऐसे ही पधाना गांव का रहने वाला होमगार्ड का स्वयंसेवक नरेंद्र पिछले पंद्रह सालों से अपना कर्तव्य निभा रहा है। वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाला है।
बचपन से ही समाज सेवा के प्रति जुनून के हद तक समर्पित रहे नरेंद्र कुमार ने गांव और प्रदेश की कई क्षेत्रों में समाज सेवा की। पिछले पंद्रह सालों से वह विभिन्न प्वाइंटों पर खड़ा होकर वाहनों को नियंत्रित कर रहा है। नरेंद्र ने चुनाव के दौरान दिल्ली,मध्य प्रदेश, पंजाब, में भी ड्यूटी दी है।
उसको यह चिंता नहीं रहती हैं कि उसे किस पॉइंट पर खड़ा किया गया
इसके अलावा उसे हरियाणा के विभिन्न जिलों में तैनात किया जाता है। आपको नरेंद्र अस्पताल चौक, कुंजपुरा रोड या अस्पताल चौक या फिर कमेटी चौक पर दिख जाएगा। उसको यह चिंता नहीं रहती हैं कि उसे किस पॉइंट पर खड़ा किया गया है। नरेंद्र कुमार को इस दौरान कई मीठे और खट्टे अनुभव भी हुए हैं।
उसने कई विपरीत परिस्थितियों में भी काम किया है। नरेंद्र कुमार सर्दी हो या तेज बारिश या फिर कड़कती सर्दी, वह चौराहे पर अपनी ड्यूटी पूरी मुस्तैदी से निभाते हुए दिख जाता है। कोई हादसा हो या जाम की स्थिति हो वह वहां पर अपनी कुशलता से ट्रैफिक का संचालन करता हुआ दिख जाता है। Karnal News
Karnal News : उसे कभी थकान महसाूस नहीं होती
नरेंद्र बताता है कि वह अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से पूरी करता है। उसका सपना फौज में जाकर देश की सेवा करना था लेकिन वह फौज में तो नहीं जा सकता लेकिन होमगार्ड में शामिल होकर ट्रैफिक सिपाही का काम स्वयंसेवक के रूप में कर रहा है। वह अपने आपको वालंटियर मानता है। वह अपने काम को नौकरी नहीं सेवा मानता है। उसका कहना है कि उसे कभी थकान महसाूस नहीं होती है। उसका केवल इतना कहना है कि ट्रैफिक के सिपाही को भी समाज के लोग इंसान समझे। कभी कभी तो वीआईपी ड्यूटी के दौरान कई घंटो तक भूखे प्यासे खड़े रहते है।
यातायात पुलिस के सिपाही के लिए छायादार पोस्ट तो होना चाहिए
कई बार तो बारिश और कडक़ती बिजली के बीच ट्रैफिक का सिपाही खड़ा रहता ह । धूुएं और धूल के बीच सिपाही को बीमारियां लग जाती हैं। यातायात पुलिस के सिपाही के लिए छायादार पोस्ट तो होना चाहिए। यदि देखा जाए तो ट्रैफिक के सिपाही को भी उसकी सेहत की सुरक्षा के लिए उपकरण मिलने चाहिए। वहीं पर उनका प्रति माह रूटीन हेल्थ चेकअप होना चाहिए। लेकिन नरेंद्र जैसे सिपाही इन सभी चिंताओं से मुक्त रह कर कर्तव्य के अग्निपथ पर निरंतर चलते रहते हैं। Karnal News