India News (इंडिया न्यूज), Kumari Selja : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार घोषणाओं के बाद केवल कागजों का पेट भरकर विकास के दावे कर रही है पर हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है।
घग्गर नदी और यमुना के तटबंधों के नाम पर जेब भरी जा रही है कही पर काम शुरू हुआ नहीं है और कही पर नाममात्र का काम किया गया है, 30 जून तक की समय सीमा में काम पूरा होने की कोई संभावना नहीं है अगर बाढ़ के हालात पैदा होते है तो यही अधिकारी फर्जी बिल बनाना शुरू कर देंगे। Kumari Selja
- घग्गर और यमुना नदी के तटबंधों की मजबूती के नाम पर चल रहा है खेल
- कही पर काम हुआ ही नहीं तो कही पर काम अधूरा, 30 जून तक की है समय सीमा
Kumari Selja : सरकार को खुद भी काम की निगरानी रखनी चाहिए
न खाएंगे और न खाने देंगे की बात करने वाली भाजपा के राज में अधिकतर विभाग खाने में ही लगे हुए है जिसका खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ता है, पिछले साल घग्गर नदी ने भारी तबाही मचाई थी औैर जान माल का नुकसान हुआ थ, सरकार को खुद भी काम की निगरानी रखनी चाहिए। मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि बाढ़ बचाव कार्य और बाढ़ के बाद बिगड़े हालातों की देखभाल पर सिंचाई विभाग और अन्य अधिकारी कर्मचारी फर्जी बिल बनाकर जेबे भरना शुरू कर देते है, अगर निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो सारा घोटाला सामने आ जाएगा।
सिंचाई विभाग ने कोई सबक नहीं लिया
घग्गर नदी पिछले दो सालों से तबाही मचा रही है पर सिंचाई विभाग ने कोई सबक नहीं लिया, अगर इस विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को कोई चिंता होती है तो इस बात की कि कैसे बजट का पैसा जेब में डाला जाए। 2023 में आई बाढ़ से हजारो एकड़ फसल जलमग्न हुई थी, सैकडों गांव डूब गए थे और चार लोगों की जान भी गई थी। अंबाला में 20, कैथल के गुहला में दर्जनों गांव, फतेहाबाद में 52 गांव प्रभावित हुए थे और 35405 एकड़ फसल को नुकसान हुआ था, सिरसा में 14 गांवों में नुकसान हुआ था।
Kumari Selja : काम पूरा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा
घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत नहीं किया गया है अगर कहीं पर कुछ किया गया है तो वहां पर खानापूर्ति की गई है, 30 जून तक काम पूरा करने की समय सीमा रखी गई है पर काम पूरा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। हालात ये बताए जा रहे है कि अगर घग्गर नदी में 20 हजार क्यूसेक पानी आ जाता है तो तटबंध टूट जाएंगे और क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। सरकार अगर चाहे तो अभी भी तटबंधों का निरीक्षण कर वास्तविकता का पता लगा सकती है।
यमुना नदी के तटबंधों की मजबूत करने के नाम पर खेल हो रहा
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि इसी प्रकार यमुना नदी के तटबंधों की मजबूत करने के नाम पर खेल हो रहा है। करनाल क्षेत्र से गुजरती यमुना नदी के तटबंधों को मजबूत करने का काम आधा अधूरा है, यमुनानगर में तटबंधों को मजबूत करने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, यह काम 30 जून तक पूरा होने की उम्मीद नहीं है, पानीपत में 35 से 40 किमी क्षेत्र में यमुना बहती है पर बचाव कार्य का कोई प्रबंध दिखाई नहीं देता है, सोनीपत में यमुना नदी के तटबंधों की मजबूती का काम उत्तर प्रदेश वाली साइड में हो रहा है पर हरियाणा की ओर कोई काम दिखाई नहीं दे रहा है। Kumari Selja
अधिकारियों के पास एक ही बहाना होगा कि …
30 जून के बाद अगर बाढ़ आती है और तटबंधों को नुकसान होता है तो अधिकारियों के पास एक ही बहाना होगा कि तटबंध तो मजबूत किए थे पर चूहों द्वारा किए गए बिल के कारण तटबंध टूट गया या बह गया। हर साल यहीं खेल होता है, अगर यमुना या घग्गर नदी में बाढ़ आ जाती है तो अधिकारियों की चांदी हो जाती है। सरकार अगर पैसा खर्च कर रही है तो उसे निगरानी भी करनी होगी कि पैसा सही ढंग से लग रहा है या नहीं। Kumari Selja