India News (इंडिया न्यूज), Kurukshetra News : आजकल देखने को मिलता है कि युवा पैसा कमाने के साथ-साथ चकाचौंध जिंदगी जीने के लिए विदेश की तरफ रुख कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में अवैध रूप से अमेरिका में जाने वाले लोगों को वहां की सरकार के द्वारा वापस भेज दिया गया है और उनकी दर्द भरी कहानी सभी ने सुनी है कि वह किस प्रकार से अपने खेत, घर बेचकर, कर्ज उठाकर अपने सपने सजाने के लिए अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन अब उनका सपना टूट गया और उनको डिपोर्ट करके भारत भेज दिया गया, जिसे उनके लाखों रुपए बर्बाद हो गए और उन्होंने अपनी जान का जोखिम भी उठाया, लेकिन कुछ ऐसे युवा भी हैं जो यहीं रहकर खेती से ही लाखों रुपए प्रति महीना कमा रहे हैं।

Kurukshetra News : विदेश जाने का सपना टूटा तो आधुनिक तरीके से खेती की शुरू

कुरुक्षेत्र जिले के मिर्जापुर गांव के रहने वाले संजीव चकाचौंध भरी जिंदगी जीने और पैसे कमाने के लिए विदेश में जाना चाहते थे। उन्होंने कनाडा जाने के लिए एक नंबर में दो बार प्रयास किया लेकिन वह असफल हो गए । लेकिन उन्होंने दूसरे लोगों की तरह दो नंबर में या डोंकी के जरिए विदेश जाने की नहीं सोची, बल्कि दो बार के प्रयास में सफल न होने के बाद उन्होंने इससे सीख ली और अपनी पुश्तैनी जमीन पर परंपरागत तरीके से खेती छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती करनी शुरू की।

3 एकड़ में लगाया पॉलीहाउस आधुनिक तरीके से कर रहे सब्जियों की खेती

गांव मिर्जापुर के युवा किसान संजीव ने बताया कि उसने तीन एकड़ में पोली हाउस लगाकर सब्जियों की खेती शुरू की। वह यहां पर हाईटेक तरीके से खेती कर रहे हैं और उन्होंने तीन एकड़ में पोली हाउस लगाया हुआ है। वहीं आधे एकड़ में एक पॉलीहाउस और लगाया जा रहा है, जिसमें आधुनिक तरीके से सब्जियों की नर्सरी तैयार होगी।

उन्होंने कहा कि वह भी विदेश में जाना चाहते थे लेकिन एक नंबर में वह कनाडा नहीं जा सके जिसके चलते उन्होंने इतने ही पैसे लगाकर यहां पर अपना काम शुरू किया और अब वह अपने इस काम से काफी खुश दिखाई दे रहे हैं और दूसरे युवाओं को भी नसीहत दे रहे हैं कि यहीं रहकर अपना काम शुरू करें।

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खीरा टमाटर और शिमला मिर्च की कर रहे खेती, दूसरे जिलों में होती है सप्लाई

संजीव ने बताया कि ज्यादातर वह खेरे की खेती कर रहे हैं जो पॉलीहाउस के अंदर लगाए जाते हैं। लेकिन अगर दूसरी फसल का समय बच जाता है तो वह उसमें टमाटर या शिमला मिर्च की खेती भी करते हैं। वह साल में दो बार खीरे की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा तैयार की गई सब्जियों की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है जिसके चलते खेत से ही उनकी सब्जियां खरीदने के लिए व्यापारी आते हैं और दूसरे जिलों में भी वह सब्जियां भेज रहे हैं।

तीन से चार महीने की होती है एक फसल, हर महीना कमा रहे 4 से 5 लाख रुपए

उन्होंने कहा कि एक फसल करीब तीन से चार महीने की होती है और उसमें उनका डेढ़ लाख से 2 लाख रुपए तक पूरा खर्चा आता है जबकि उनका खीर एक बार में 5 से 7 लाख तक का निकल जाता है और ऐसे में वह 3 एकड़ में एक महीने में चार से पांच लाख रुपए कमा रहे हैं। विदेश में बैठे हुए लोगों से भी ज्यादा घर पर ही रहकर कमा रहे है और मालिक बनकर काम कर रहे है। जबकी विदेश में रहने वाले युवक इतना नहीं कमा रहे। उन्होंने कहा कि एक एकड़ में करीब 10000 पौधे खीरे के लगाए जाते हैं। और एक एकड़ से 500 से 700 क्विंटल खीरा निकल जाता है।

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दूसरे लोगों को भी दिया रोजगार

संजीव का कहना है कि उन्होंने भारत में रहकर अपना काम शुरू करके न सिर्फ खुद के लिए रोजगार स्थापित किया, बल्कि यहां पर करीब 10 लोगों को स्थाई तौर पर रोजगार दिया हुआ है क्योंकि पॉलीहाउस में मजदूर का काम काफी होता है और परमानेंट उनके पास करीब 10 मजदूर रहते हैं जो उनकी निराई गुड़ाई से लेकर सब्जियों को तोड़ने और पैकिंग करने का काम करते हैं ऐसे में वह खुद भी पैसा कमा रहे हैं और दूसरों के परिवार को भी चला रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह इतने पैसे खर्च करके विदेश जाने की बजाय यहां पर रहकर ही अपना खुद का काम करें और उसमें सफल होकर अपने परिवार और गांव का नाम रोशन करें।

उपराष्ट्रपति से भी हो चुके सम्मानित

संजीव पिछले 3 सालों से पोली हाउस में खेती कर रहे हैं आधुनिक तरीके से खेती करने के चलते 2023 में राज्य स्तरीय कृषि मेले में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा संजीव को सम्मानित किया जा चुका है इतना ही नहीं तत्कालीन कृषि मंत्री जेपी दलाल के द्वारा भी उनको सम्मानित किया जा चुका है।

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