India News(इंडिया न्यूज), Mahendragarh News: महेंद्रगढ़ में पिछले पांच सालों से अधर में लटके लुवास के गांव रिवासा में बने पशु विज्ञान केंद्र एवं पशु चिकित्सालय का नया भवन मार्च माह में शुरू होने की उम्मीद जगी है। लुवास के अधिकारियों की टीम ने लोक निर्माण विभाग की टीम के साथ निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भवन में पाई गई छोटी-मोटी खामियों को दूर करने के आदेश दिए। पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान केंद्र के शुरू होने से दक्षिणी हरियाणा के छह जिलों के साथ-साथ राजस्थान के तीन जिलों के पशु पालकों को इसका लाभ मिलेगा।

  • इस कारण रुका था कार्य
  • कई मुश्किलों का करना पड़ता है सामना

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इस कारण रुका था कार्य

भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने वर्ष 2016 में अपनी पहली पारी के दौरान महेंद्रगढ़ की सब्जी मंडी में लुवास के गांव रिवासा में इस केंद्र का शिलान्यास किया था। मार्च 2018 में तत्कालीन शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था। प्रथम चरण में लुवास की ओर से 7.40 करोड़ रुपये की राशि लोक निर्माण विभाग के खाते में डाली गई थी। मार्च 2018 में शुरू हुआ काम दिसंबर 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण इसकी समय सीमा बढ़ा दी। फरवरी 2022 में इसका 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था। दो साल से काम बंद होने के कारण चारों भवनों की दीवारों में दरारें आनी शुरू हो गई थी। इसके बाद फिर से लुवास ने इसकी सुध ली तथा 1.50 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति देकर इसका निर्माण पुन शुरू कराया।

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कई मुश्किलों का करना पड़ता है सामना

इस भवन पर करीब 11 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। यहां पर पशुओं के बड़े ऑप्रेशन, सर्जरी, नए शोध, पशु पालन की नई तकनीकि जानकारी, जागरूकता शिविर, मूल्य संवर्धन उत्पादन, पशुओं के अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, चिकित्सा सुविधाएं, मोबाइल वैन सहित अन्य प्रकार की सुविधाएं मिल सकेंगी। पंचायत ने मार्च 2018 में एक साल का एग्रीमेंट कर लुवास के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान केंद्र को पंचायत घर में शुरू कराया था। इसके बाद पंचायत की ओर से न ही तो एग्रीमेंट को बढ़ाया गया और न ही पंचायत घर को खाली कराया गया। छह साल से सुविधाओं के अभाव में तैनात चिकित्सक एवं वैज्ञानिक भी परेशानी उठाने को मजबूर हैं। यहां प्रतिदिन 200 के करीब ओपीडी होती हैं, जिनमें बड़े ऑपरेशन से लेकर सर्जरी तक की सुविधा दी जा सकेगी। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की ओर से इन खामियों को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया।

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