India News (इंडिया न्यूज), Manohar Lal launched ADEETIE Scheme : केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को स्थानीय आर्य पीजी कालेज सभागार में एडीईईटीआईई (अदिति) योजना का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ किया।
केंद्रीय मंत्री ने योजना का शुभारंभ करते हुए उपस्थित उद्यमियों, एमएसएमई प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1000 करोड़ के बजटीय प्रावधान वाली यह योजना विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की पहल है, जिसे ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बी.ई.ई) द्वारा लागू किया जा रहा है। यह योजना व्यापक वित्तीय एवं तकनीकी सहायता के माध्यम से एमएसएमई को ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं हेतु प्रोत्साहित करेगी। Manohar Lal launched ADEETIE Scheme
- यह योजना भारत में औद्योगिक ऊर्जा दक्षता को तेजी से बढ़ावा देने की पहल
- आर्य कॉलेज सभागार से एडीईईटीआईई (अदिति) योजना का बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर हुआ शुभारंभ
- 1000 करोड़ की योजना, को ऊर्जा दक्ष तकनीकों को अपनाने में सहायता प्रदान करेगी
Manohar Lal launched ADEETIE Scheme : योजना पुस्तिका का भी विमोचन किया
योजना के अंतर्गत ऋणों पर ब्याज सहायता, निवेश ग्रेड ऊर्जा ऑडिट (आई.जी.ई.ए.), विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर), और कार्यान्वयन के बाद निगरानी व सत्यापन (एम एण्ड वी) जैसे चरणबद्ध सहयोग शामिल हैं। इस मौके पर लघु फिल्म के माध्यम से भी उपस्थित प्रतिनिधियों को योजना से जुड़ी जानकारियां बताई गई। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने (अदिति) पोर्टल http://adeetie.beeindia.gov.in (एडीइइटीआईइडॉटबीइइइंडियाडॉटजीओवीडॉटइन) का शुभारंभ किया और योजना पुस्तिका का भी विमोचन किया।
योजना को धरातल पर मजबूती के साथ लागू करने की शुभाकामनाएं दी
कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री का शॉल भेंट कर स्वागत किया गया व कार्यक्रम में उपस्थित हरियाणा के पंचायती राज, विकास, खान एवं भूविज्ञान मंत्री का भी शॉल भेंट करके अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के समापन पर केन्द्रीय मंत्री ने विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों के साथ सामुहिक फोटो करवाया व उन्हें इस योजना को धरातल पर मजबूती के साथ लागू करने की शुभाकामनाएं दी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एम.एस.एम.ई) को ऊर्जा दक्ष तकनीकों को अपनाने में वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने हेतु असिस्टेंट इन डिपलाईंग एनर्जी ईफीसीएंट टेक्नोलॉजीज इन इंडस्ट्री एण्ड इस्टैबलिशमेंट (अदिति) यह ऐतिहासिक पहल भारत की लो -कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर एक निर्णायक कदम है।
ऊर्जा दक्ष परियोजनाओं को अपनाना अधिक सुलभ और किफायती हो सकेगा
केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस योजना के तहत माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज के लिए 5 प्रतिशत तथा मीडियम इंटरप्राइजेज के लिए 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन प्रदान किया जाएगा, जिससे एमईएस के लिए ऊर्जा दक्ष परियोजनाओं को अपनाना अधिक सुलभ और किफायती हो सकेगा। उन्होंने अपने मुख्य संबोधन में विकसित भारत की परिकल्पना के तहत ऊर्जा की भूमिका को रेखांकित किया और एमएसएमई क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर किया।
एमएसएमएस को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल
उन्होंने कहा कि अदिति योजना के अंतर्गत प्रस्तावित तकनीकों से एमएसएमइएस में 30 – 50 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत संभव है, जिससे पॉवर-टू-प्रोडक्ट अनुपात में सुधार होगा और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर्स के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। अदीति योजना भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमएस को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल है। उपयुक्त प्रोत्साहन और सहायता तंत्र के माध्यम से हम स्वच्छ और कुशल तकनीकों में निवेश को प्रोत्साहित कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि औद्योगिक ऊर्जा दक्षता भारत की कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और अंतरराष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
एक मजबूत नीति और वित्तीय ढांचे की आवश्यकता पर भी बल दिया
विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने अपने संबोधन में बी.ई.ई. की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को पूरे औद्योगिक परिदृश्य में मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने बताया कि योजना के पहले चरण में 14 ऊर्जा गहन सेक्टर और 60 औद्योगिक क्लस्टर शामिल हैं। उन्होंने एमएसएमइएस को सशक्त करने हेतु एक मजबूत नीति और वित्तीय ढांचे की आवश्यकता पर भी बल दिया।
हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) ए.के. सिंह ने अपने विशेष संबोधन में कोयला-आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता को घटाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एमएसएमइएस से अपील की कि वे अदिति योजना में भाग लें और अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए सतत ऊर्जा समाधानों की ओर अग्रसर हों।
ऊर्जा दक्षता भारत के निर्यात-उन्मुख औद्योगिक विकास में केंद्रीय भूमिका निभाएगी
बी.ई.ई. के महानिदेशक एवं विद्युत मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आकाश त्रिपाठी ने बताया कि यह योजना एमएसएमइएस को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसमें 1 हजार करोड़ के बजटीय प्रावधान में 875 करोड़ ब्याज सबवेंशन हेतु, 50 करोड़ ऊर्जा ऑडिट हेतु और 75 करोड़ कार्यान्वयन सहायता हेतु समर्पित हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना 9 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित करने की क्षमता रखती है, जिसमें एमएसएमइएस द्वारा संभावित 6 हजार 750 करोड़ का उधारी निवेश शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा दक्षता भारत के निर्यात-उन्मुख औद्योगिक विकास में केंद्रीय भूमिका निभाएगी।
प्रमुख औद्योगिक संघों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए
कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के पंचायती राज, विकास, खान एवं भूविज्ञान मंत्री कृष्ण लाल पंवार, तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा निदेशक प्रियंका सोनी, उपायुक्त डॉ. विरेंद्र कुमार दहिया, अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. पंकज यादव, भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ. अर्चना गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ïट आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर कुछ एमएसएमइएस को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए, जिन्होंने योजना के पायलट चरण में सक्रिय भागीदारी की। साथ ही प्रमुख औद्योगिक संघों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रतिनिधियों ने ऊर्जा ऑडिट एवं तकनीक अपनाने के अपने अनुभव साझा किए
कार्यक्रम में दो एमएसएमइएस प्रतिनिधियों ने ऊर्जा ऑडिट एवं तकनीक अपनाने के अपने अनुभव साझा किए, जिससे योजना की प्रारंभिक सफलता को दर्शाया गया। कार्यक्रम का समापन बी.ई.ई. द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अदिति योजना का यह शुभारंभ भारत की ऊर्जा दक्षता मिशन में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जो एमएसएमइएस को स्वच्छ तकनीकों को अपनाने, उत्पादकता बढ़ाने और हरित औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा।
उर्जा दक्षता ब्यूरो के बारे में भारत सरकार ने 1 मार्च 2002 को ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के अंतर्गत उर्जा दक्षता ब्यूरो (बी.ई.ई.) की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने हेतु नीतियों एवं रणनीतियों का निर्माण करना है, जो स्व-विनियमन और बाज़ार आधारित सिद्धांतों पर आधारित हो। बी.ई.ई. नामित उपभोक्ताओं, एजेंसियों और अन्य संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करता है और ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त कार्यों का निष्पादन करता है।
परिशिष्ट अदिति योजना के बारे में संक्षिप्त विवरण
ब्याज सबवेंशन सहायता: माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को 5 प्रतिशत तथा मीडियम एंटरप्राइजेज को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान – ऊर्जा दक्ष तकनीकों के लिए लिए गए ऋण पर।
समग्र तकनीकी सहयोग: ऊर्जा ऑडिट, डीपीआर तैयारी, तकनीक पहचान और निगरानी व सत्यापन सहित संपूर्ण सहायता प्रणाली।
14 ऊर्जा गहन सेक्टर: पीतल, ईंट, सेरामिक, रसायन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण, फोर्जिंग, फाउंड्री, कांच, चमड़ा, कागज़, फार्मा, स्टील री-रोलिंग और वस्त्र उद्योग।
पहले चरण में 60 औद्योगिक क्लस्टर और दूसरे चरण में अतिरिक्त 100 क्लस्टरों के साथ चरणबद्ध विस्तार।
कार्यान्वयन अवधि : एफ.वाई. 2025-26 से एफ.वाई. 2027-28 तक तीन वर्षों में कार्यान्वयन, जिससे समयबद्ध परिणामों के आधार पर योजना का मूल्यांकन व विस्तार किया जा सकेगा।
बजट एवं संभावित प्रभाव
कुल 1 हजार करोड़ का बजटीय प्रावधान:
- 875 करोड़ – ब्याज सबवेंशन
- 50 करोड़ – ऊर्जा ऑडिट हेतु
- 75 करोड़ – बी.ई.ई. के माध्यम से सहायता
- 9 हजार करोड़ के निवेश को प्रेरित करने की क्षमता, जिसमें 6750 करोड़ एमएसएमइएस से संभावित ऋण निवेश। Manohar Lal launched ADEETIE Scheme