India News (इंडिया न्यूज), Minister Anil Vij’s Big Statement : हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बिजली बिलों की दरों के संबंध में स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि बिजली बिल 4 गुना तक बढ़ गए है, जबकि यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इसी प्रकार, 2 किलोवॉट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में साल 2014- 2015 की तुलना में 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है जबकि श्रेणी- 2 के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि श्रेणी – 1 और श्रेणी – 2 में लगभग 94 प्रतिशत बिजली के उपभोक्ता आते है, जिनके अधिकांश मासिक बिलों में कमी दर्ज की गई है। Minister Anil Vij’s Big Statement

Minister Anil Vij’s Big Statement : न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) समाप्त कर दिया गया

विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार, हमने सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) समाप्त कर दिया गया है क्योंकि हरियाणा की डिस्कॉम्स (बिजली कंपनियां) प्रदेशवासियों को निरंतर, निर्बाध, सस्ती और उपभोक्ता-केंद्रित बिजली सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में अपने पड़ोसियों राज्यों की तुलना में एलटी और एचटी दोनों उपभोक्ताओं की श्रेणियों में काफी कम बिजली टैरिफ चार्ज करता है।

लॉसेस 29% से घटाकर  10% के स्तर पर लाया गया

इसके अलावा पिछले एक दशक में, वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक, एटी एंड सी (समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक) लॉसेस 29% से घटाकर  10% के स्तर पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे/यूनिट (मीटर्ड) और 15 रुपये/बीएचपी/माह (फ्लैट रेट) का भुगतान करने के तहत बिजली मुहैया करवाई जा रही है। इसी प्रकार, मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया गया है। Minister Anil Vij’s Big Statement

केवल कुछ स्लैब में 1% से कम की वृद्धि देखी गई

विज ने बताया कि संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार,  श्रेणी-I के घरेलू उपभोक्ताओं (2 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड और 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले) के मासिक बिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में 49% से 75% तक की कमी आई है। हालांकि, पिछली टैरिफ संरचना (एमएमसी के साथ) की दरों से तुलना करने पर, बिल की राशि में काफी कमी आई है।

इसके अतिरिक्त, श्रेणी-II के उपभोक्ताओं (5 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड वाले) के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में बिलों में 3% से 9% की वृद्धि हुई है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में, इस श्रेणी के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की गयी है, जिसमें केवल कुछ स्लैब में 1% से कम की वृद्धि देखी गई है। कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 94% श्रेणी I और II में आते हैं। Minister Anil Vij’s Big Statement

वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में वृद्धि 5% से 7% तक

श्रेणी-III के उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में वृद्धि 5% से 7% तक है। इस श्रेणी में कम खपत स्तरों के लिए, प्रतिशत वृद्धि अधिक लग सकती है। हालांकि, इस श्रेणी में केवल 6% घरेलू उपभोक्ता ही आते है। उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों का मूल्यांकन पिछले वर्ष के उसी महीने के हिसाब से किया जाना चाहिए, क्योंकि यह समान खपत पैटर्न को दर्शाता है। Minister Anil Vij’s Big Statement

हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) 0 रुपये से 75 रुपये/किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7.50 रुपये/यूनिट पर बनाए रखा गया है। जबकि, इसके विपरीत, पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये/किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये/यूनिट तक है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में घरेलू श्रेणी के बिलों में मामूली वृद्धि और श्रेणी-I के लिए कमी भी दर्शाती है। इससे यह स्पष्ट है कि घरेलू श्रेणी के बिजली के बिलों में वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में वृद्धि 9.6% से कम है।

दोनों उपभोक्ता श्रेणियों में काफी कम बिजली टैरिफ चार्ज करता

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एच टी उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक टैरिफ संशोधन लोड और खपत के आधार पर 7% से 10% की मध्यम वृद्धि को दर्शाता है। एल टी श्रेणी में, विभिन्न उपभोक्ताओं में वृद्धि अपेक्षाकृत मध्यम है, जो 4% से 7% तक है। Minister Anil Vij’s Big Statement

पड़ोसी राज्यों की तुलना में, हरियाणा एल टी और एच टी दोनों उपभोक्ता श्रेणियों में काफी कम बिजली टैरिफ चार्ज करता है, जिससे यह दोनों खंडों के उपभोक्ताओं के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प बन जाता है। पड़ोसी राज्यों में एल टी उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क 450 रुपये/किलोवाट तक और एच टी उपभोक्ताओं के लिए 475 रुपये/ किलोवाट तक हैं, जबकि ऊर्जा शुल्क एल टी के लिए 8.95 रुपये/ यूनिट और एच टी के लिए 7.75 रुपये/ यूनिट तक है।

परिचालन दक्षता और सख्त वित्तीय अनुशासन के कारण संभव हो पाया

उल्लेखनीय है कि हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के 28 मार्च 2025 के आदेश के अनुसार, हरियाणा डिस्कॉम्स की टैरिफ याचिका पर विभिन्न श्रेणियों के लिए बिजली की दरों में अप्रैल 2025 से संशोधन किया गया है। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 के बाद पहली टैरिफ वृद्धि है, जो सात साल के अंतराल के बाद हुई है, जबकि बिजली खरीद लागत और परिचालन खर्चों में लगातार वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि लगभग एक दशक तक टैरिफ को अपरिवर्तित रखना बढ़ी हुई परिचालन दक्षता और सख्त वित्तीय अनुशासन के कारण संभव हो पाया। Minister Anil Vij’s Big Statement

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