India News (इंडिया न्यूज), Minister Rao Narbir Singh : हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव व उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जिला में फर्रुखनगर व पटौदी क्षेत्र के किसान सरकार के जल संरक्षण के प्रयासों में सहभागी बनकर अपनी महती भूमिका निभाएं। इसके लिए क्षेत्र के करीब 30 गांवों को एसटीपी का शोधित पानी किसानी व बागवानी के लिए उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस सार्थक प्रयास में सभी लोग सहभागी बने, इस संदर्भ में अगले सप्ताह वे स्वयं क्षेत्र के किसानों के साथ संवाद करेंगे। Minister Rao Narbir Singh
- गुरुग्राम में फर्रुखनगर व पटौदी क्षेत्र के किसानों को जल संरक्षण के प्रयासों में सहभागी बनाएगी हरियाणा सरकार
- 30 गावों को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा एसटीपी का शोधित पानी
Minister Rao Narbir Singh : किसानों को एसटीपी का शोधित पानी इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाए
पर्यावरण मंत्री शुक्रवार को गुरुग्राम से झज्जर के बीच एसटीपी चैनल का निरीक्षण करने के उपरान्त संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। राव नरबीर सिंह ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर के प्रति किसानों को जागरूक कर उन्हें एसटीपी का शोधित पानी इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि नहरी पानी को क्षेत्र की पीने के पानी की बढ़ती जरूरतों के अनुरूप इस्तेमाल में लाया जा सके।
कैबिनेट मंत्री ने अपने निरीक्षण दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने आज गुरुग्राम से झज्जर तक एसटीपी चैनल का निरीक्षण किया है। 500 एमएलडी की क्षमता वाली इस ड्रेन में अभी धनवापुर की कुल 218 एमएलडी क्षमता में से 75 एमएलडी पानी छोड़ा जा रहा है। जोकि झज्जर जिला में किसानों द्वारा खेती में इस्तेमाल किया जा रहा है। Minister Rao Narbir Singh
किसानों को सिंचाई के लिए वैकल्पिक स्रोत भी मिलेगा
उन्होंने कहा कि आधुनिक शोधित जल तकनीकों के माध्यम से अब एसटीपी का जल खेती के लिए सुरक्षित और उपयोगी हो चुका है। इससे भूजल स्तर में गिरावट को रोका जा सकेगा और किसानों को सिंचाई के लिए वैकल्पिक स्रोत भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को इस जल के उपयोग के लिए जागरूक करें और आवश्यक तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हुए किसानों की उत्पादकता में वृद्धि हो और जल संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। Minister Rao Narbir Singh
निर्माण कार्यों में एसटीपी का शोधित जल ही इस्तेमाल करें बिल्डर्स
राव नरबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी निर्माण कार्यों में अनिवार्य रूप से एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का शोधित जल ही उपयोग में लाया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में ग्राउंड वाटर का इस्तेमाल भी जल संकट का एक महत्वपूर्ण कारण है। जिसे रोकने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है। राव नरबीर सिंह ने जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जाए, वहां संबंधित बिल्डर अथवा निर्माण एजेंसी के विरुद्ध तत्काल और कड़ी कार्रवाई की जाए।
बिल्डर्स द्वारा उनके प्रोजेक्ट परिसर में बनाए गए एसटीपी की होगी जांच, खामियां मिली तो होगा चालान
राव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधनों के संरक्षण के प्रति हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बिल्डर्स द्वारा उनके प्रोजेक्ट परिसर में स्थापित एसटीपी की भी सघन जांच करें। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ऐसा संज्ञान में आया है कि विभिन्न बिल्डर्स ने अपने परिसर में एसटीपी तो स्थापित किए हैं लेकिन वे इनका रखरखाव ठीक ढंग से नही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। ऐसे एसटीपी की जांच कर उन पर नियमानुसार चालान की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
केंद्र सरकार प्रदूषण को लेकर गंभीर, हरियाणा सरकार सुनिश्चित करेगी यमुना में केवल शोधित जल ही छोड़ा जाए
राव ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को लेकर पूर्णत गंभीर है तथा देश की नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया कि आने वाले पाँच वर्षों के भीतर यमुना नदी को पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा। इस दिशा में सभी संबंधित राज्यों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण हेतु ठोस कदम उठाएं।
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केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी राज्य सरकार
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस राष्ट्रीय संकल्प में केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने में पूरा योगदान देगी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देशित किया गया है कि वह जल स्रोतों की नियमित निगरानी करे और प्रदूषण के किसी भी स्रोत की पहचान कर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी अगले सप्ताह गुरुग्राम में स्थित बादशाहपुर ड्रेन का निरीक्षण करेंगे।
वर्ष 2028 तक स्थापित किए जाएंगे तो सौ-सौ एमएलडी के दो नए एसटीपी
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि वर्तमान में धनवापुर में कुल 218 एमएलडी क्षमता के तीन व बहरामपुर में कुल 170 एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी कार्य कर रहे हैं। इसी के साथ शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए बहरामपुर में वर्ष 2028 तक 100-100 एमएलडी क्षमता के दो नवीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए जाएंगे। दो नए एसटीपी न केवल शहर के अपशिष्ट जल के प्रभावी शोधन को सुनिश्चित करेंगे बल्कि जल स्रोतों की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होंगे। Minister Rao Narbir Singh