India News (इंडिया न्यूज), Panipat News : भारत सरकार तथा आईसीएआर की पहल से संचालित अत्यंत महत्वाकांक्षी व राष्ट्रीय स्तर का विशाल जागरूकता अभियान विकसित कृषि संकल्प अभियान जिले में 29 मई से कृषि विज्ञान केंद्र, उझा व अन्य विभागों के सहयोग से सफलतापूर्वक आयोजन कर रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र उझा के प्रभारी डॉ. सतपाल सिंह ने बताया कि यह अभियान अभी तक जिले के कुल 95 गावों के किसानों को जागरूक किया गया। इस अभियान में किसान बढ़ चढक़र भाग ले रहे है व् विभिन्न गावों के लगभग 13 हजार 500 किसानों ने भाग लेकर कृषि सबंधित नवीनतम जानकारी ली है। Panipat News
- केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शिवराज चौहान भी किसानों के साथ मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ने का कर चुके आह्वान
Panipat News : ड्रोन तकनीक व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त विभिन्न मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन्स के बारे में विस्तार से बताया
इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीए (दिल्ली) की विभिन्न प्रकोष्ट, कृषि विभाग, इफको, मछली पालन, पशुपालन, बागवानी सहित अन्य विभागों के ब्लॉक तथा जिला स्तर के वैज्ञानिक व विशेषज्ञ शामिल हो रहे है व् अपने विभाग से सम्बंधित सरकारी योजनाओं व वैज्ञानिक विधि से कृषि के तरीके किसानों तक पंहुचा रहे है। इस अभियान में वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि में उपयुक्त होने वाली विभिन्न नवीनतम उपकरणों जैसे ड्रोन तकनीक व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त विभिन्न मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन्स के बारे में विस्तार से बताया।
अनुदान राशि के बारे में किसानों को विस्तार से बताया
उन्होंने किसानों को नवीनतम कृषि ऐप्स के ज्ञान से भी समृद्ध किया। वैज्ञानिकों ने ड्रोन दीदी के बारे में भी चर्चा की व बताया की ड्रोन तकनीक का उपयोग फसलों की निगरानी करने, उर्वरकों का छिडक़ाव करने और यहां तक कि बीमारियों का शीघ्र पता लगाने के लिए किया जाता है जिस से समय की बचत होती है और शारीरिक श्रम कम होता है।
ड्रोन के साथ-साथ विशेषज्ञों ने मिट्टी की गुणवत्ता का विश्लेषण करने, मिट्टी और पानी के नमूने लेने की तकनीक, मौसम का पूर्वानुमान करने के फायदे, सही तरीके से धान की नर्सरी तैयार करने की विधि जिस से पौधों में अछि वृद्धि हो सके, धान में उर्वरकों और रसायनों का उपयोग आदि के बारे में बता रहे है। वैज्ञानिकों ने भू जल के स्तर को बचने के लिए धान की सीधी बिजाई व सरकार द्वारा दी जारी अनुदान राशि के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। Panipat News
पशुपालन पर विभिन्न सब्सिडी और योजनाओं पर भी चर्चा की गई
कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा, मेरा पानी मेरी विरासत आदि के पंजीकरण के महत्व के बारे में बताया। बागवानी, प्राकृतिक खेती, मत्स्य पालन और पशुपालन पर विभिन्न सब्सिडी और योजनाओं पर भी चर्चा की गई। Panipat News
केवीके के वैज्ञानिकों ने फसल विविधीकरण और वैकल्पिक फसलों के रूप में सब्जियों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक पशु आहार पद्धतियों, कृमि मुक्ति, खनिज मिश्रण आदि के महत्व के बारे में भी बताया। अभियान के दौरान किसानों से प्राप्त उनके द्वारा किये गए नवाचारों व उनके कृषि सम्बंधित विभिन्न संशयों को भी प्रतिदिन भारत सरकार को सीधे तौर पर पहुंचाया जा रहा है। जिससे उच्चतम स्तर पर आवश्यक व शीघ्र कार्यवाही हो सके।
जिले के 115 गांव के लगभग 13500 किसान व महिला किसानों व युवा युवतियों ने भाग लिया
उन्होंने किसानों को जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक होने के लिए प्रोत्साहित किया। किसान भारत सरकार और आईसीएआर द्वारा की गई पहल से काफी संतुष्ट हुए और उन्होंने भविष्य में भी ऐसी गतिविधियां जारी रखने का सुझाव दिया। जिले के 115 गांव के लगभग 13500 किसान व महिला किसानों व युवा युवतियों ने भाग लिया व अपने अपने अनुभव साझा किए हैं।
अभियान को जारी रखा जाए ताकि किसानों के उपरोक्त समस्याओं का हल निकल सके
जिले के आसान कलां, रजापुर, सिंगपूरा सिठाना व नोहरा गांव में कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें लगभग 750 किसानों ने भाग लिया। इन कार्यक्रमों में किसानों द्वारा अपनी समस्याएं भी साझा की गईं। किसानों द्वारा बताया गया कि इस समय किसानों की समस्याओं में अच्छी गुणवत्ता का बीज समय पर न मिलना, भू जल स्तर के नीचे जाना, सरकारी योजनाओं का सही समय पर न मिलना, किसानों द्वारा मिट्टी जांच न करवाना, रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का अति अधिक प्रयोग आदि प्रमुख समस्याएं साझा की गई। Panipat News
आज यानी 12 जून इस अभियान का अंतिम दिन
वैज्ञानिकों द्वारा इन समस्याओं का समाधान भी साझा किया गया। उन्होंने बताया कि आज यानी 12 जून इस अभियान का अंतिम दिन है। इस अभियान को जारी रखा जाए ताकि किसानों के उपरोक्त समस्याओं का हल निकल सके। ऊझा के वैज्ञानिकों ने अभियान की सफलता पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बागवानी विभाग, पशुपालन विभाग, मछली पालन विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अलावा नई दिल्ली के वैज्ञानिकों व ऊंच अधिकारियों, गांव के सरपंच, पंच और विशेष तौर पर आभार जताया। Panipat News