India News (इंडिया न्यूज), Ram Bilas Sharma On Emergency : तत्कालीन प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के विरोध में पूरे देश मे आंदोलन शुरू हुआ हरियाणा भी इससे अछूता नही रहा, विशेषकर अहीरवाल से विरोध की आवाज बुलंद करने वालो में तत्कालीन युवा नेता प्रो.रामबिलास शर्मा प्रमुख रूप से थे।
आज भी उस इमरजेंसी की काली रात को याद कर रामबिलास शर्मा के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, अहीरवाल के बहुत से नेता जेल गए व पुलिस की बर्बरतापूर्ण यातनाओ को सहन किया व इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की। 1975 में रामबिलास शर्मा जन संघ के संगठन महामंत्री थे। Ram Bilas Sharma On Emergency
- रामबिलास शर्मा ने कहा – आज भी उस इमरजेंसी की काली रात को याद कर रामबिलास शर्मा के खड़े हो जाते है रोंगटे
- रामबिलास शर्मा के बूढ़े मां बाप उन्हें खोजने के लिए दर-दर भटकते रहे
Ram Bilas Sharma On Emergency : ना इनकी कोई गिरफ्तारी दिखाई ना इन्हें किसी अदालत में पेश किया
प्रेमचंद गोयल प्रांत प्रचारक, डॉक्टर अशोक गर्ग विभाग प्रचारक के निर्देशन में रामबिलास शर्मा रोहतक में सत्याग्रह का संचालन करते थे एक जत्था जिसमें लाला अमरचंद, भगवान दास बंसल, मदनलाल हरदोई, प्रोफेसर श्याम पसरिजा, जगदंबा प्रसाद, रमेश चंद्र सहीत लगभग 8 लोग शामिल थे कई दिन से गायब थे।
इमरजेंसी के दौरान पुलिस ने ना इनकी कोई गिरफ्तारी दिखाई ना इन्हें किसी अदालत में पेश किया और अवैध रूप से पुलिस हिरासत में रखा गया। हरियाणा में सत्याग्रह बंद हो गया संगठन के प्रमुख लोगों की बैठक हुई और निर्णय लिया गया कि इन सत्याग्रह ही जत्थे को ढूंढा जाए व जेल भिजवाया जाए यह उस समय नाहड़ झज्जर जिले में पुलिस चौकी में थे।
गिरफ्तार कर लिया और बुरी तरह से टार्चर किया
रामबिलास शर्मा को जिम्मेवारी दी गई कि वे चौकी के सामने जाकर सत्याग्रह करें। 30 नवंबर `975 को रामबिलास शर्मा ने पुलिस चौकी के सामने सत्याग्रह किया। वहां लगभग 100 पुलिस के जवानों सहित डीएसपी गुरबख्श लालपुरी भी मौजूद थे। रामबिलास शर्मा जब वहां इस जत्थे को अदालत में पेश करवाने के लिए नाहड़ थाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और बुरी तरह से टार्चर किया। Ram Bilas Sharma On Emergency
पुलिस की टॉर्चर से रामबिलास शर्मा बेहोश हो गए उनके मुंह व कानों से खून बहने लगा। नाहड पुलिस ने रिमांड लेने के लिए रामबिलास शर्मा को 4 दिसंबर 1975 को रात 8-30 बजे श्री शुद साहब मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया अदालत ने पुलिस को रामबिलास शर्मा का 8 दिन का रिमांड दे दिया।
शर्मा को 8 दिन के पुलिस रिमांड पर अंबाला इंटेरोगेशन सेंटर में भेज दिया
जहां रामबिलास शर्मा को 8 दिन के पुलिस रिमांड पर अंबाला इंटेरोगेशन सेंटर में भेज दिया गया। वहां पर रामबिलास शर्मा को बहुत अधिक यातनाओं का सामना करना पड़ा। रामबिलास शर्मा ने किसी तरह एक पत्र लिखकर वहां कार्यरत एक कर्मचारी के मार्फत आदरणीय प्रेमचंद गोयल को भिजवाया और अपने साथ बीती सारी बातों का उस पत्र में वर्णन किया प्रेमचंद गोयल तथा उनकी पत्नी अन्नपूर्णा ने उस समय तानाशाही से जूझता हरियाणा पुस्तक लिखी जिसमें इमरजेंसी के दौरान रामबिलास शर्मा व अन्य लोगों के साथ की गई तानाशाही का भी वर्णन लिखा है। Ram Bilas Sharma On Emergency
अंबाला जेल से रामबिलास शर्मा को बिहार की गया जेल भिजवा दिया
बाद में रामबिलास शर्मा को मीसा के तहत रोहतक जेल लाया गया वहां पर बीजू पटनायक, चौधरी देवीलाल, स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा व पीलू मोदी भी जेल में बंद थे। उन सब ने रामबिलास शर्मा की हालत देखी और उन्हें गंभीर अवस्था में मेडिकल रोहतक भिजवाया। रोहतक मेडिकल के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को अंबाला सेंट्रल जेल भिजवा दिया और अंबाला जेल से रामबिलास शर्मा को बिहार की गया जेल भिजवा दिया।
रामबिलास शर्मा के बूढ़े मां बाप उन्हें खोजने के लिए दर-दर भटकते रहे
उस समय दूरभाष व अन्य टेक्नोलॉजी का जमाना नहीं था रामबिलास शर्मा के बूढ़े मां बाप उन्हें खोजने के लिए दर-दर भटकते रहे। बाद में उन्हे किसी तरह पता चला की उनके पुत्र को तो अंम्बाला बंद रखा और अब उन्हे बिहार भेज दिया गया है। देश में 18 मार्च 1977 को चुनाव हुए और 20 मार्च को चुनाव परिणाम आए देश में कांग्रेस का सफाया हो गया। इंदिरा गांधी, संजय गांधी और बंसीलाल चुनाव हार गए 22 मार्च 1977 को रामबिलास शर्मा को बिहार की गया जेल से रिहा कर दिया गया। Ram Bilas Sharma On Emergency