India News (इंडिया न्यूज), Regional Electricity Ministers Conference : हरियाणा के ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज द्वारा राज्य के किसानों को दिन में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गांवों में सोलर हाउस स्थापित करने के सुझाव की आज केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने सराहना की और कहा कि इस सुझाव पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय आगे बढेगा।

विज ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा में सोलर एनर्जी को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है ताकि हरियाणा बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके। उन्होंने कहा कि सोलर हाउस स्थापना के संबंध में ऊर्जा विभाग द्वारा जल्द ही एक पायलट परियोजना संचालित की जाएगी जिसकी सफलता के पश्चात इस परियोजना को राज्य के अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा। Regional Electricity Ministers Conference

Regional Electricity Ministers Conference : सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने की

विज आज यहां क्षेत्रीय विद्युत मंत्रियों के सम्मेलन (उत्तरी क्षेत्र) कार्यक्रम में उपस्थित जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के ऊर्जा मंत्रियों व सचिवों सहित केन्द्र सरकार व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने की और सम्मेलन में जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के ऊर्जा मंत्री मौजूद रहे।

बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गांव में ही सोलर हाउस बनाए जाएं

विज ने बताया कि प्रदेश सरकार हरियाणा में सोलर एनर्जी को बढाने के लिए लगातार प्रयासरत है ताकि हरियाणा बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके। इस दिशा में उनके द्वारा राज्य के नवीन एवं नवीकरणीय/ऊर्जा विभाग को निर्देश दिया गया है कि गांवों में किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गांव में ही सोलर हाउस बनाए जाएं ताकि किसानों को बिजली के दूसरे विकल्पों पर निर्भर न रहने पडे और किसान गांव के ही सोलर हाउस से अपने खेतों में पानी दे सकें और अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा कर सकें। Regional Electricity Ministers Conference

व्यापक सोलर परियोजना पर कार्य करना चाहिए

उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक पायलट परियोजना पर कार्य किया जा रहा है और यदि यह परियोजना सफल होती है तो इस परियोजना को आगे विस्तारित किया जाएगा। विज ने स्मरण करवाते हुए कहा कि हालांकि सरकार द्वारा 10 किलोवाट तक सोलर के पैनल घरों में लगाए जाते हैं लेकिन इससे अधिक क्षमता के लिए सोलर हाउस बनाया जाना अधिक मुफीद है क्योंकि किसान को उनके खेतों में बिजली की आपूर्ति चाहिए चाहे वह सोलर से आ रही हो, भाखडा से आ रही है या केंद्रीय पूल से आ रही हो। इसलिए हमें इस प्रकार की व्यापक सोलर परियोजना पर कार्य करना चाहिए ताकि इसमें सभी हितधारकों का लाभ सुनिश्चित हो सकें।

लाईनों के खेतों व घरों के ऊपर से जाने के संबंध में एक नीति बनानी चाहिए

इसी प्रकार, विज ने सम्मेलन में पोल, सब स्टेशन तथा ट्रांसमिशन लाईनों के खेतों व घरों के ऊपर से जाने के संबंध में एक नीति बनाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सम्मुख सुझाव रखा ताकि सभी हितधारकों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडें।

इस संबंध में उन्होंने सुझावित करते हुए कहा कि जहां पर अधिक भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों या लाईनें घरों के ऊपर से न जाने का स्कोप हो, वहां पर जमीन के अंदर से भी लाईनों को डाला जा सकता है और इस संबंध में तकनीकी रूप से अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि यह संभव हो पाएं। इस संबंध में सुरक्षा के सभी मापदण्ड भी निर्धारित किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में किसी दिक्कत का समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा का ट्रांसमिशन सिस्टम देश के बेहतरीन ट्रांसमिशन सिस्टम में से एक है। Regional Electricity Ministers Conference

किसी भी आपदा के दौरान ट्रांसमिशन सिस्टम ठप्प न हों, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को मापदण्ड/नीति बनानी चाहिए

विज ने इस क्षेत्रीय सम्मेलन में एक ओर बेहतरीन सुझाव देते हुए कहा कि किसी भी आपदा के दौरान हमारा ट्रांसमिशन सिस्टम ठप्प न हों, उसके लिए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को मापदण्ड/नीति बनानी चाहिए कि अमुक मापदण्ड के अनुसार पोल व सबस्टेशन इत्यादि की स्थापना की जाए ताकि किसी भी आपदा जैसे कि बाढ, आंधी-तूफान इत्यादि आने पर बिजली आपूर्ति ठप्प न हो सके। Regional Electricity Ministers Conference

कठिन समय पर उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया करवाना भी हमारे लक्ष्यों में शामिल होना चाहिए। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर इस संबंध में मानदण्ड तैयार किए जाने चाहिए। ऊर्जा मंत्री विज ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को सुझाव देते हुए यह भी कहा कि न्यूक्लियर बिजली प्लांट को स्थापित करने में काफी समय लगाया जा रहा है, इसलिए हमें इस प्रकार से योजना बनानी चाहिए ताकि इस प्रकार के बिजली सयंत्र जल्द से जल्द स्थापित किए जा सके और लोगों को बिजली की आपूर्ति हो सके।

साइबर अटैक से बचने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा की एक नीति तैयार की जानी चाहिए

बिजली के क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के संबंध में विज ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि बिजली के क्षेत्र में साइबर अटैक से बचने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा की एक नीति तैयार की जानी चाहिए जिसका आडिट राज्य सरकार द्वारा किया जाए और इसकी निगरानी केन्द्रीय स्तर पर होनी चाहिए। इस विषय के संबंध में सम्मेलन में हरियाणा के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह ने बताया कि बिजली कंपनियां साइबर सुरक्षा के लिए सभी उपाय कर रही हैं।

अतरिक्त सुरक्षा कवच के रूप में वेब एप्लीकेशन फ़ायरवॉल को इनस्टॉल किया गया

परन्तु मई-2025 में पाकिस्तान युद्ध के दौरान, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण के ऑनलाइन वेब पोर्टलों को पाकिस्तानी हैकरों से साइबर हमले किए गए। इसको देखते हुए डिस्कॉम द्वारा भविष्य में इस तरह के साइबर हमलों को रोकने हेतू एक अतरिक्त सुरक्षा कवच के रूप में वेब एप्लीकेशन फ़ायरवॉल को इनस्टॉल किया गया है और सारे वेब ऍप्लिकेशन्स की इम्पैनलड सिक्योरिटी ऑडिट एजेंसी द्वारा सिक्योरिटी ऑडिट करने का काम शुरू किया गया है। इसके अलावा, सेवाओं में किसी भी व्यवधान को रोकने के लिए प्रभावी आपदा रिकवरी केंद्र का प्रावधान किया जा रहा है।

अल्ट्रा सुपर-क्रिटिकल एक्सपेंशन यूनिटों की स्थापना करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे

विज ने बताया कि हरियाणा की स्थापित अनुबंधित क्षमता 16130.07 मेगावाट है, जिसमें से 2582.40 मेगावाट क्षमता राज्य द्वारा स्थापित है। अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 6018.15 मेगावाट है, जो 37.31 प्रतिशत है। भविष्य में मांग को पूरा करने के लिए राज्य ने वित्त वर्ष 2031-32 तक क्षमता को 22,222 मेगावाट तक बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। 3152.21 मेगावाट के प्रस्ताव एच०ई०आर०सी द्वारा अनुमोदित किये जा चुके हैं और 2940 मेगावाट क्षमता के प्रस्ताव अनुमोदन के अधीन है।

इसके अलावा, 4525 मेगावाट की क्षमता के प्रस्तावों के अनुमोदन विचाराधीन हैं। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा, यमुनानगर में नई 800 मेगावाट इकाई पर काम शुरू कर दिया गया है, जो फरवरी, 2029 तक पूरा होने की संभावना है। राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट, हिसार और पानीपत थर्मल पावर स्टेशन, पानीपत में 800 मेगावाट की अल्ट्रा सुपर-क्रिटिकल एक्सपेंशन यूनिटों की स्थापना करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

हरियाणा में विभिन्न नए सब-स्टेशनों, सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाईनों का निर्माण कार्य प्रगति पर

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के 41 नए सब-स्टेशनों, लगभग 3570.721 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों और मौजूदा 178 सब-स्टेशनों के विस्तार का निर्माण कार्य प्रगति पर हैै, जिसकी अनुमानित लागत लनगभग 585464.11 लाख रुपये है, जिसे वित्तीय वर्ष 2029-30 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रचलित एच.ई.आर.सी. एम.वाई.टी (मल्टी ईयर टैरिफ) विनियमन 2024 के अनुसार, नियंत्रण अवधि 2025-2029 यानी 5 वर्षों के लिए ट्रांसमिशन योजना को एचईआरसी से अनुमोदित किया गया है। Regional Electricity Ministers Conference

विज ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री के सम्मुख किया विभिन्न योजनाओं के अनुमोदन का आग्रह

विज ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री के सम्मुख अपनी मांग रखते हुए कहा कि 600 एमडब्ल्यूएच क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना के लिए हरियाणा राज्य को व्यवहार्यता अंतर वितपोषण प्रदान करने के लिए विद्युत मंत्रालय/भारत सरकार से अनुरोध किया गया है जिसका अनुमोदन शीघ्र किया जाए।

इसके अलावा, भारत सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले सोनीपत और झज्जर जिलों की वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 3179.47 करोड़ रुपये के लंबित प्रस्तावों का अनुमोदन भी जल्द से जल्द किया जाए ताकि वितरण व्यवस्था में सुढडीकरण किया जा सके। उन्होंने बताया कि आरडीएसएस के तहत 33 केवी सब-स्टेशनों के ऑग्मेंटेशन के 142 करोड़ रुपए के लंबित प्रस्तावों को एलआरपी योजना में शीघ्र अनुमोदन का आग्रह किया।

ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए जारी करने का अनुरोध किया

विज ने इसी प्रकार से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 1.5 लाख करोड़ रुपये के बजट परिव्यय में से 1809.35 करोड़ रुपये की ब्याज मुक्त ऋण राशि हरियाणा को राज्य में ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए जारी करने का अनुरोध भी केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री के सम्मुख किया। ऐसे ही, एचवीपीएनएल में मौजूदा 26 ट्रांसमिशन लाइनों का ‘हाई टेम्परेचर लो सैग (एचटीएलएस)’ कंडक्टर के साथ नवीनीकरण/आधुनिकीकरण के लिए 366 करोड़ रुपये का पीएसडीएफ अनुदान प्रदाने करने के लिए भी विज ने अुनरोध किया।

Regional Electricity Ministers Conference : जून 2024 में इसका मूल्यांकन भी किया गया

हरियाणा के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह  बताया कि सीईआरटी-थर्मल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एचपीजीसीएल को साइबर स्वच्छता केंद्र (सीएसके) में शामिल किया गया है और एचपीजीसीएल की साइबर संकट प्रबंधन योजना (सीसीएमपी) को सीईआरटी-इन से मंजूरी के बाद फरवरी 2022 में लागू किया गया है।

एचपीजीसीएल के आईटी बुनियादी ढांचे का साइबर सुरक्षा ऑडिट आईएसएमओ, हरियाणा द्वारा वर्ष 2023 में किया गया और उसके बाद जून 2024 में इसका मूल्यांकन भी किया गया। उन्होंने बताया कि हरियाणा डिस्कॉम्स परिचालन दक्षता में सुधार और टैरिफ ढांचे को युक्तिसंगत बनाकर वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान डिस्कॉम्स का एटी एण्ड सी लोसिज घटकर 9.97 प्रतिशत यानी 10 प्रतिशत से कम हो गया।

हरियाणा की ओर से केन्द्र को पूरा सहयोग देने का अश्वासन दिया गया

इसके अलावा, हरियाणा के ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रीन एनर्जी कोरिडोर, न्यूकलियर बिजली संयंत्र, सोलर एनर्जी, आईलैण्डिंग स्कीम, एमरजेंसी रिस्टोरेशन सिस्टम, स्मार्ट मीटर की स्थापना, प्री-पेड मीटर सिस्टम को लागू करना, टैरिफ सिस्टम में संशोधन, सब्सिडी, ईवी चार्जिंग स्टेशन कनैक्शन, एक राष्ट्र-एक ग्रीड की परिकल्पना इत्यादि योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के संबंध में हरियाणा की ओर से केन्द्र को पूरा सहयोग देने का अश्वासन दिया गया।

केन्द्र सरकार व अन्य राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे

सम्मेलन में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल,हरियाणा के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह  सहित जम्मू एवं कश्मीर, उत्तरखंण्ड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चण्डीगढ, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अशोक मीणा, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक श्री ए, श्रीनिवास, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम की प्रबंध निदेशक आशिमा बराड सहित केन्द्र सरकार व अन्य राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  Regional Electricity Ministers Conference

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