India News (इंडिया न्यूज), Haryana News: रेवाड़ी के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को आज राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पैतृक गांव भालखी माजरा में उनके पिता सुशील यादव ने 28 साल के शहीद बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। अंतिम विदाई के दौरान भी एयरफोर्स की टुकड़ी ने हथियार उल्टे और फायर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ 2 अप्रैल को जामनगर में हुए जगुआर क्रैश में शहीद हुए थे। शहीद होने से पहले उन्होंने अपने साथी की जान बचाई थी। आज सुबह ही उनकी पार्थिव देह रेवाड़ी में उनके नए घर लाई गई। जिसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।

  • मंगेतर पहुंची शमशान घाट
  • मुझे अपने बेटे पर गर्व है-मां

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मंगेतर पहुंची शमशान घाट

सिद्धार्थ की 10 दिन पहले ही सगाई हुई थी। अंतिम संस्कार के मौके पर उनकी मंगेतर भी श्मशान घाट में पहुंची। इस दौरान वह पार्थिव देह को देख रोती रहीं। इस दौरान वो बार-बार रोते हुए कहतीं रही कि प्लीज एक बार मुझे उसकी शक्ल दिखा दो। मंगेतर सानिया ने कहा कि मुझे सिद्धार्थ पर गर्व है। सिद्धार्थ की शादी 2 नवंबर को होनी थी। जिसके लिए घर में तैयारियां भी चल रहीं थीं।

मुझे अपने बेटे पर गर्व है-मां

इस दौरान शहीद की मां माता सुशीला यादव और बहन खुशी भी रोती रहीं। इस मौके पर मां सुशीला ने कहा- मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मैं देश की हर मां से कहना चाहती हूं कि वे अपने बेटों को देशसेवा के लिए सेना में भेजें। मुझे उसकी जननी होने पर गर्व है, वो देश के लिए डरा नहीं।मेरा पूरा परिवार सेना में था, ये जानते हुए भी मैंने उसे सेना में भेजा। मुझे उसकी शहादत पर गर्व है। रुंधे गले से कहा कि उसके नेचर का मैं नहीं बता सकती, वो कैसा था।

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