India News (इंडिया न्यूज़), Shivratri 2025 : हरियाणा सहित अन्य राज्यों के सभी शिव मंदिरों से सुबह से ही महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालुओं की लंगी कतारें लगी हुई हैं। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के मंदिर में पूजा-अर्चना की।
आपको बता दें कि हिसार में आदमपुर के सीसवाल धाम और महेंद्रगढ़ के मोदाश्रम मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। उधर, रेवाड़ी में भगवान शिव की भव्य बारात निकाली गई। मोहाली में पंजाबी सिंगर अफसाना खान ने अपने पति के साथ जलाभिषेक किया।
Shivratri 2025 : हिमाचल मंडी में आज से इंटरनेशनल शिवरात्रि मेले का शुभारंभ
हिमाचल प्रदेश के मंडी में आज से इंटरनेशनल शिवरात्रि मेले का शुभारंभ हो गया। मेले में 216 देवी-देवताओं की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। सुबह ब्यास घाट से भगवान शिव की बारात निकली, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भारी बारिश के बावजूद बाबा भूतनाथ मंदिर में श्रद्धालु सुबह 3 बजे से ही छाता लेकर दर्शन के लिए लाइन में लगे रहे।
महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पावन दिन है। इस दिन देशभर के शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में भी देखा जाता है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है।
Mahashivratri 2025 : महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है
आपको बता दें कि वैसे तो महाशिवरात्रि को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं लेकिन एक पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव पहली बार ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे। वहीं, शिव महापुराण के अनुसार इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इसीलिए यह पर्व शिव-पार्वती के मिलन के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
- इस दिन भक्त व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं।
- शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, घी और बेलपत्र से अभिषेक किया जाता है।
- शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
- महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा रात के चार प्रहर में की जाती है
- कई स्थानों पर भगवान शिव की भव्य बारात भी निकाली जाती है।
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महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि को ‘शिव की रात’ कहा जाता है। यह दिन शिवभक्तों के लिए आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने और रात्रि जागरण करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और समस्त कष्टों का निवारण होता है। महाशिवरात्रि 2025 का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाएगा। शिवभक्त इस पावन अवसर पर ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों के साथ भगवान शिव की आराधना करते हैं।
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