इंडिया न्यूज, कुरुक्षेत्र।
Shri Krishna Ayush University श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने 2018 बैच डी-फार्मा आयुर्वेद के विद्यार्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए प्रवेश उपरान्त चार वर्ष में प्राप्त अधिकतम परीक्षा अवसरों सहित दया अवसर दिया है। पात्र अभ्यर्थियों की परीक्षाएं वार्षिक परीक्षाओं के साथ निर्धारित समय अवधि में ही कराई जाएंगी। परीक्षा फार्म भरने की तिथि विश्वविद्यालय द्वारा आगामी दिनों में जारी कर दी जाएगी। इसकी अधिसूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
परीक्षा शाखा नियंत्रक डॉ. सतीश वत्स ने बताया कि साल 2018 बैच डी- फार्मा आयुर्वेद प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी, जो किसी कारणवश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके। ऐसे विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा अवसर दिया जा रहा है। मर्सी चांस की परीक्षाएं वार्षिक परीक्षाओं के साथ निर्धारित समय अवधि में ही पर कराई जाएंगी। परीक्षा फार्म भरने की तिथि विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा द्वारा जल्द ही जारी की जानी है। उन्होंने बताया डी- फार्मा आयुर्वेद में री-अपीयर के पहले नियमों में संशोधन किया गया है। दो साल के डिप्लोमा में विद्यार्थियों को चार साल के भीतर कोर्स पूरा करना होता था तथा उसके लिए विद्यार्थियों को दो बार री-अपीयर का अवसर दिया जाता था, मगर अब संशोधित नियमानुसार विद्यार्थियों को चार साल में अधिकतम अवसर देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के बहुतायत हित को ध्यान में रखते हुए नियम को 2018-19 बैच से ही लागू कर दिया गया है। विद्यार्थियों को चार साल पूर्ण होने के बाद भी स्पेशल मर्सी चांस विशेष परिस्थियों में दिए जाने का प्रावधान भी नियमों में विश्वविद्यालय द्वारा किया गया है।
डी-फार्मा आयुर्वेद प्रथम वर्ष री-अपीयर का परीक्षा परिणाम जारी (Shri Krishna Ayush University)
परीक्षा शाखा नियंत्रक डॉ. सतीश वत्स ने बताया कि डी-फार्मा आयुर्वेद प्रथम वर्ष री-अपीयर का परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया गया है। पच्चीस विद्यार्थियों ने री-अपीयर की परीक्षाएं दी थी। केवल दो विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके साथ ही री-वेलवेशन का फार्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। विद्यार्थी आॅनलाइन या आॅफलाइन दोनों माध्यमों से फार्म जमा करा सकते हैं।
आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना लक्ष्य : कुलपति (Shri Krishna Ayush University)
कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना है। विश्वविद्यालय के लिए छात्र हित महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। ऐसे विद्यार्थी जो किसी बीमारी या विपरीत परिस्थितियों में परीक्षा पास नहीं कर पाए, उन्हें दया अवसर दिया जा रहा है। ताकि विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बने।
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