India News (इंडिया न्यूज), SIRTAR Rohtak : हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) ने रोहतक के डिविजनल कमिश्नर को कड़े निर्देश जारी किए हैं, जिसमें SIRTAR (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर रिहैबिलिटेशन, ट्रेनिंग एंड रिसर्च) में पाई गई गंभीर लापरवाहियों और अव्यवस्थाओं को लेकर तत्काल सुधार के आदेश दिए गए हैं। आयोग में एक अभिभावक द्वारा दायर शिकायत में कई चौंकाने वाले मुद्दों को उजागर किया गया। SIRTAR Rohtak
SIRTAR Rohtak : ये लापरवाहियां आई सामने
- पुराने और खराब थेरेपी उपकरण: फिजियोथेरेपी उपकरण खराब और अनुपयोगी हैं, जिससे बच्चों की पुनर्वास प्रक्रिया बाधित हो रही है।
- असुरक्षित बस सेवाएँ: स्कूल बसों की सीटें टूटी हुई हैं, खिड़कियां फटी हुई हैं और सरकार द्वारा अनिवार्य CCTV कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
- स्पीच थेरेपी की कमी: शिक्षकों द्वारा उचित स्पीच थेरेपी नहीं कराई जा रही, जिससे बच्चों की संचार क्षमताएँ प्रभावित हो रही हैं।
- माता-पिता संघ की गैर-मौजूदगी: RCI (रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए माता-पिता संघ का गठन नहीं किया गया है। SIRTAR Rohtak
- बच्चों के साथ दुर्व्यवहार: रिपोर्ट के अनुसार, बस परिचालकों द्वारा बच्चों के बाल खींचकर उन्हें जगाने जैसी अमानवीय घटनाएं हो रही हैं।
- गंदे शौचालय और असुरक्षित पानी की व्यवस्था: टॉयलेट गंदे हैं, पानी का रिसाव है जिससे बिजली के झटके लगने का खतरा है।
SIRTAR Rohtak : अधिकार अधिनियम, 2016 का गंभीर उल्लंघन
हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने इसे संयुक्त राष्ट्र दिव्यांग अधिकार संधि (UNCRPD) और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 का गंभीर उल्लंघन बताया है।
निम्नलिखित सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं:
- थेरेपी उपकरणों को तुरंत बदला जाए और योग्य स्पीच थेरेपिस्ट नियुक्त किए जाएँ।
- थेरेपी रूम और स्कूल बसों में CCTV कैमरे लगाए जाएँ।
- बसों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जाए और सरकारी सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए।
- माता-पिता संघ (Parents’ Association) का गठन किया जाए ताकि अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
- स्कूल में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था की जाए और पानी रिसाव वाले स्थानों पर रबर मैट लगाए जाएँ। SIRTAR Rohtak
SIRTAR Rohtak : बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) के प्रोटोकॉल, सुचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बतया कि रोहतक डिविजनल कमिश्नर, जो SIRTAR प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं, को 22 जुलाई 2025 तक अंकेक्षण रिपोर्ट (Compliance Report) सौंपने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई पूर्ण आयोग जिसमें अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा के साथ दोनों सदस्य कुलदीप जैन व दीप भाटिया भी सम्मिलित है, के द्वारा की जाएगी। मानवाधिकार आयोग का यह आदेश हरियाणा के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। SIRTAR Rohtak