India News (इंडिया न्यूज), Union Minister sent A Reply To MP Selja : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में सड़कों के दोनों ओर स्थित वन विभाग की भूमि को डि नोटिफाइड न करने और नगर परिषदों को न सौंपे जाने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे है, अगर इन दोनों विभागों के बीच तालमेल स्थापित हो जाए तो विकास कार्यो को पंख लग सकते है। Union Minister sent A Reply To MP Selja

Union Minister sent A Reply To MP Selja : राज्य सरकार को चाहिए कि वह….

कुमारी सैलजा द्वारा भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्री वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को लिखे पत्र के जवाब में मंत्री ने कहा है कि पैरा 4.2 के अनुसार ऑप्टिकल फाइबर केबल, पीने के पानी की पाइप लाइन, टेलीफोन लाइनें, बिजली केबल, स्लरी पाइपलाइन, पेट्रोलियम एवं कच्चे तेल की पाइपलाइन, शहरी एजेंसी को किसी भी प्रकार के रखरखाव कार्य हेतु स्थानीय वन विभाग से अनुमति दी हुई है।

कुमारी सैलजा ने कहा है कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह इन दोनों विभागों के बीच तालमेल स्थापित की विकास कार्यो को पूरा करवाए क्योंकि जिन कार्यो की अनुमति प्रदान की गई है वन विभाग नगर परिषद सिरसा से उसके ही पैसे मांग रहा है। Union Minister sent A Reply To MP Selja

भूमि वर्षों से नोटिफाइड फॉरेस्ट लेंड के रूप में चिन्हित है, परंतु …

कुमारी सैलजा ने कहा है कि विकास कार्यों का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री को इस बारे में अदालत के समक्ष अनुमति के लिए आवेदन करना चाहिए। सांसद कुमारी सैलजा ने 24 मई 2025 को भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्री वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को पत्र लिखकर कहा था कि आपके संज्ञान में लाना चाहती हूं कि हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में शहरी क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली सड़कों (विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्गों) के दोनों ओर की भूमि वन भूमि के रूप में दर्ज है। यह भूमि वर्षों से नोटिफाइड फॉरेस्ट लेंड के रूप में चिन्हित है, परंतु व्यावहारिक रूप से इन पर किसी भी प्रकार का वन नहीं है।

Union Minister sent A Reply To MP Selja :  विकास कार्यों में ऐसे मामले बाधा न बनें

इन भूमि क्षेत्रों के कारण नगर परिषदों द्वारा टाइल ट्रैकिंग, सीवर लाइन बिछाने, जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाने जैसे बुनियादी कार्यों में वन विभाग की अनुमति आवश्यक हो जाती है। मेरे लोकसभा क्षेत्र के सिरसा नगर में एनएच-9 के मामले में ऐसा ही हो रहा है और विकास कार्यों में रुकावटें आ रही हैं। इससे करोड़ों रुपये की योजनाएं बाधित हो रही हैं और जनता को सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

आपसे अनुरोध है कि इस विषय पर शीघ्र कार्रवाई करते हुए शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों के दोनों ओर की भूमि को डि नोटिफाइड किया जाए, ऐसी भूमि को स्थानीय निकायों (जैसे नगर परिषद) को सौंपा जाए ताकि वह सार्वजनिक हित में कार्य कर सकें, भविष्य में विकास कार्यों में ऐसे मामले बाधा न बनें, इसके लिए वन कानूनों में आवश्यक संशोधन किए जाए। आशा है कि आप इस जनहित के मुद्दे को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।

रखरखाव कार्य हेतु स्थानीय वन विभाग से अनुमति लेनी होगी

उधर केंद्रीय मंत्री वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की ओर से 23 जून 2025 को सांसद कुमारी सैलजा के पत्र का जवाब देते हुए लिखा गया है कि केंद्र सरकार के 23 नवंबर 2023 को जारी निर्देश और स्पष्टीकरण के पैरा 4.2 के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार को सड़क के मौजूदा आरओडब्ल्यू में स्थित वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग जैसे ऑप्टिकल फाइबर केबल, पीने के पानी की पाइपलाइन, टेलीफोन लाइनें, बिजली केबल, स्लरी पाइपलाइन, पेट्रोलियम एवं कच्चे तेल की पाइपलाइन, शहरी एजेंसी को किसी भी प्रकार के रखरखाव कार्य हेतु स्थानीय वन विभाग से अनुमति लेनी होगी।

वन विभाग सिरसा नगर परिषद से पैसों की क्यों मांग कर रहा

यदि प्रस्तावित क्षेत्र किसी राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य या बाघ अभयारण्य से होकर गुजरती सडक़ के आरओडब्ल्यू में आता है, तो सामान्य स्वीकृति के लिए राज्य वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति से आवश्यक अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की ओर से विकास कार्यो को लेकर जो भी योजनाएं या परियोजनाएं लागू की जाती है।

उनकी अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है तो फिर वन विभाग सिरसा नगर परिषद से पैसों की क्यों मांग कर रहा है, वन विभाग परिषद से करीब 90 लाख रुपये की मांग कर रहा है जो अनुचित है। ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इन दोनों विभागों के बीच तालमेल स्थापित कर विकास कार्यो में आ रही बाधा को दूर करवाए। Union Minister sent A Reply To MP Selja

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