India News (इंडिया न्यूज), Union Minister Shivraj Singh : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष में आज मुंबई में ‘सहकार से समृद्धि’ थीम पर आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शिवराज सिंह ने कहा कि सहकारिता भारत की मिट्टी व इसकी जड़ों में वर्षों से व्याप्त है। हजारों साल पहले भारत के ऋषियों ने उद्घोष किया था- ‘आत्मवत् सर्वभूतेषु। सभी प्राणियों में एक ही चेतना है। विश्व के कल्याण का भाव ही सहकारिता है। Union Minister Shivraj Singh

  • किसान का महत्व कभी समाप्त नहीं हो सकता, छोटे किसान नीतियों का केंद्र
  • अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पर मुंबई में राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन का केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने किया शुभारंभ
  • हफ्तेभर में दिल्ली में कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा, इंदौर में सोयाबीन एवं गुजरात में कपास उत्पादन पर बैठक : शिवराज सिंह

Union Minister Shivraj Singh : किसान का महत्व कभी समाप्त नहीं हो सकता

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसान का महत्व कभी समाप्त नहीं हो सकता, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जीडीपी में कृषि क्षेत्र की भागीदारी 18 प्रतिशत है। आधी आबादी कृषि पर निर्भर है। मैं किसान हूं, खेत में ट्रैक्टर भी चलाता हूं। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किसान कल्याण के लिए कार्य ही जीवन का उद्देश्य है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 11 वर्षों में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

देश की परिस्थितियों के अनुसार कृषि क्षेत्र में उन्नति के मार्ग तय करने होंगे

किसानों की समृद्धि व कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए जो रोडमैप बनाया गया, उसमें शामिल हैं- प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, फसल नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजा, कृषि का विविधिकरण और उर्वरकों में सीमित उपयोग के साथ आने वाली पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित रखना। शिवराज सिंह ने कहा कि हमें देश की परिस्थितियों के अनुसार कृषि क्षेत्र में उन्नति के मार्ग तय करने होंगे। भारत में ज्यादातर किसान छोटी जोत वाले हैं, इसलिए हमारी नीतियों का केंद्र ये ही किसान है। Union Minister Shivraj Singh

सोयाबीन में भी सरकार द्वारा रिकॉर्ड स्तर पर खरीद हुई

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीन चीजें जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में तय हुई- देश की आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना व देशवासियों को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध करवाना। किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले, इसके लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है। किसानों द्वारा पंजीकरण के बाद तूअर, मसूर, उड़द की पूरी खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि दलहन-तिलहन साथ ही सोयाबीन में भी सरकार द्वारा रिकॉर्ड स्तर पर खरीद हुई है। Union Minister Shivraj Singh

वैज्ञानिकों की 2170 टीमों ने गांवों में जाकर किसानों से संवाद किया,

चौहान ने कहा कि किसानों तक शोध की सही जानकारी पहुंचाने के लिए व्यापक कोशिश की गई हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन ‘लैब टू लैंड’ के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया किया गया। वैज्ञानिकों की 2170 टीमों ने गांवों में जाकर किसानों से संवाद किया, उन्हें कृषि की विभिन्न पद्धतियों और शोध की जानकारी दी। साथ ही, उनकी व्यावहारिक समस्याएं भी सुनी गई है, ताकि उस अनुरूप आगे के शोध की दिशा तय की जा सकेगी।

किसानों को घटिया कीटनाशक व घटिया बीज दिए जाने का विषय भी सामने आया, इस संबंध में अमानक बीज एवं कीटनाशक बनाने व बेचने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। कड़ा कानूनी प्रावधान किया जाएगा और ऐसे कृत्य में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को भी छोड़ा नहीं जाएगा।

उपभोक्ताओं को भी संतुलित कीमत पर उत्पाद मिलेगा

उन्होंने कहा कि टमाटर, आलू, प्याज के संबंध में किसान हित में फैसला लिया गया है कि किसान इन फसलों को, जहां ज्यादा दाम मिल रहे हैं, वहां बेचना चाहे तो सरकार इसका परिवहन खर्च उठाएगी। भंडारण व्यवस्था के लिए भी वित्तीय सहायता देने की कोशिश की जाएगी। ये कदम किसानों को उचित दाम दिलाने में मददगार होगा, साथ ही उपभोक्ताओं को भी संतुलित कीमत पर उत्पाद मिलेगा। Union Minister Shivraj Singh

दिल्ली के कृषि भवन में बैठकर कृषि नीति नहीं बन सकती, इसके लिए खेतों में जाना होगा

उन्होंने कहा कि कृषि उन्नति के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। दिल्ली के कृषि भवन में बैठकर कृषि नीति नहीं बन सकती। इसके लिए खेतों में जाना होगा। कृषि मंत्री के रूप में सप्ताह में दो दिन मैं किसानों के बीच खेतों में रहूंगा। खेत की माटी में बैठे बिना सही अर्थों में कृषि का कल्याण संभव नहीं है। 24 जून को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों व अन्य संस्थाओं के साथ वर्चुअली व्यापक मंथन होगा। तिलहन उत्पादन बढ़ाना भी राष्ट्रीय कर्तव्य है। सोयाबीन उत्पादन बढ़ाने के लिए तत्परता से प्रयास किए जा रहे हैं।

सोयाबीन उत्पादन को लेकर अहम बैठक की जाएगी

26 जून को इंदौर में सोयाबीन उत्पादन को लेकर अहम बैठक की जाएगी। वर्तमान बजट में ‘कपास मिशन’ की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि 27 जून को इस संबंध में गुजरात में बैठक की जाएगी। आगे गन्ने की खेती के लिए विशेष बैठक उ.प्र. में की जाएगी। समस्याओं के अनुरूप समाधान खोजने की कोशिश, कारगर कार्यान्वयन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। Union Minister Shivraj Singh

बिचौलियों के प्रभाव को खत्म करने की बात कही

शिवराज सिंह ने कहा कि नेफेड व एफपीओ सहित संस्थाएं बेहतर काम कर रही हैं, लेकिन अभी भी अनंत संभावनाएं बाकी हैं। उन्होंने नेफेड को खरीदी करते समय प्याज उत्पादक किसानों के हितों का ध्यान रखने एवं बिचौलियों के प्रभाव को खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाने के लिए पूरे प्रयास करने होंगे। छोटी जोत के बावजूद हम ऐसा करके रहेंगे।

एकीकृत खेती के लिए फार्म मॉडल तैयार किए जा रहे हैं। छोटी जोत में भी किसान को कैसे लाभ हो, इस पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। किसानों के मान, सम्मान और शान में कमी नहीं आने देंगे। उन्होंने अपील की कि हम सभी मिलकर कृषि को विकसित करने में योगदान करें।सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने प्रगतिशील किसानों व अन्य लोगों को सम्मानित भी किया। Union Minister Shivraj Singh

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