India News (इंडिया न्यूज), Acharya Balkrishna Tips For Diabetics: मधुमेह यानी डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है— टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन का उत्पादन तो होता है, लेकिन शरीर उसका सही उपयोग नहीं कर पाता।
डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। हेल्दी लाइफस्टाइल और सही खानपान से ब्लड शुगर को संतुलित रखा जा सकता है। आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख किया गया है जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। आचार्य बालकृष्ण ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक खास आयुर्वेदिक चूर्ण के बारे में बताया है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में कारगर साबित हो सकता है।
आयुर्वेदिक चूर्ण कैसे तैयार करें?
इस चूर्ण को बनाने के लिए केवल चार प्राकृतिक तत्वों की आवश्यकता होती है:
- जामुन की गुठली (सूखी हुई)
- सूखा करेला
- कुटकी
- मेथी दाना
इन सभी सामग्रियों को समान मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीस लें और एक सूखे डिब्बे में स्टोर करें।
कैसे करें सेवन?
इस चूर्ण का सेवन रोज़ सुबह और शाम 1-1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ करने की सलाह दी जाती है।
आयुर्वेदिक चूर्ण के फायदे
इस चूर्ण के प्रत्येक घटक के अपने विशेष लाभ होते हैं:
1. जामुन की गुठली
जामुन की गुठली में जम्बोसिन (Jambosine) और जोम्बोलिन (Jamboline) जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करते हैं। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और इंसुलिन का स्तर बढ़ता है।
2. करेला
करेला पॉलीपेप्टाइड-पी (Polypeptide-p), विसिन (Vicin) और लेक्टिन (Lectin) से भरपूर होता है। ये तत्व अग्न्याशय (Pancreas) से इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
3. मेथी दाना
मेथी में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो शरीर में शुगर और कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करता है। यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने से रोकने में सहायक होता है।
4. कुटकी
कुटकी भी फाइबर से भरपूर होती है, जो भोजन के पाचन की गति को नियंत्रित करती है और रक्त में शुगर की अचानक वृद्धि को रोकने में मदद करती है।
आयुर्वेद में बताया गया यह चूर्ण डायबिटीज को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसे उपयोग में लेने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। सही खानपान, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर मधुमेह को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।