India News (इंडिया न्यूज),Control a Paralysis Attack: स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जो मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में अचानक रुकावट के कारण होती है। समय पर उपचार के बिना यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। ऐसी स्थिति में कुछ प्राथमिक उपचार और उपाय रोगी की जान बचाने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं ये उपाय और उन्हें करने का सही तरीका:
पैरालिसिस अटैक की पहचान करने के लक्षण
- चेहरा एक तरफ़ लटक जाना।
- बोलने में कठिनाई या आवाज़ साफ़ न आना।
- हाथ या पैर के एक तरफ़ कमज़ोरी या सुन्नपन।
- चक्कर आना, संतुलन खोना।
- अचानक और तेज़ सिरदर्द।
- जैसे ही ये लक्षण दिखें, तुरंत डॉक्टर से मदद लेना ज़रूरी है।
लकवा के दौरान प्राथमिक उपचार
रोगी को सीधा लिटाएँ
रोगी को समतल और सुरक्षित सतह पर सीधा लिटाएँ। सिर को थोड़ा ऊपर रखें ताकि मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह संतुलित रहे।
सांस और हार्ट रेट की जाँच करें
अगर सांस या हृदय गति रुक गई है, तो सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) शुरू करें। इसके लिए किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की मदद लें।
जीभ बाहर निकालें
अगर रोगी बेहोश है, तो सुनिश्चित करें कि उसकी जीभ गले में न फंसी हो। इससे सांस लेने में बाधा आ सकती है।
आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार
काली मिर्च का सेवन
एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाएं।
इसे धीरे-धीरे रोगी को दें। काली मिर्च रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में सहायक हो सकती है।
सरसों का तेल
सरसों के तेल को हल्का गर्म करके रोगी के हाथ-पैरों पर मालिश करें। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
लहसुन
2-3 कच्चे लहसुन की कलियाँ चबाने के लिए दें या इसका रस निकालकर पीने को दें। लहसुन रक्त वाहिकाओं को खोलने में मदद करता है।
नींबू का रस
एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर रोगी को दें। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- रोगी को बहुत ज़्यादा न हिलाएं।
- रोगी को चबाने के लिए कोई ठोस चीज़ न दें।
- स्व-उपचार पर निर्भर न रहें; चिकित्सा सहायता प्राथमिक है।
- लकवा रोकने के उपाय
जोखिम कम करने के उपाय
- अपने रक्तचाप और मधुमेह की नियमित जाँच करवाएँ।
- संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
- तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।