India News (इंडिया न्यूज), Bad Impact of Biscuit: डाइजेस्टिव बिस्किट्स को अक्सर स्वास्थ्यवर्धक और हल्का नाश्ता मानकर चाय के साथ खाया जाता है। इन बिस्किट्स के विज्ञापन में हमें यह बताया जाता है कि ये खाने के बीच लंबे अंतराल या भूख को शांत करने का बेहतरीन तरीका हैं। इसी कारण डाइजेस्टिव बिस्किट्स बाजार में विभिन्न ब्रांड्स के साथ उपलब्ध हैं, जिनमें शुगर, फैट और सोडियम फ्री होने का दावा किया जाता है। लेकिन क्या ये बिस्किट्स वास्तव में हमारी सेहत के लिए अच्छे हैं, या इसमें कुछ ऐसे छिपे हुए तत्व हैं जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

1. डाइजेस्टिव बिस्किट्स में छिपे शक्कर, फैट और सोडियम

डाइजेस्टिव बिस्किट्स को लेकर हमें यह कहा जाता है कि ये शुगर, फैट और सोडियम फ्री होते हैं। हालांकि, जब हम इन बिस्किट्स के पैकेट को ध्यान से पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है कि इनमें अक्सर रिफाइंड आटा, शक्कर, फैट और सोडियम की मात्रा छिपी होती है। इसके अलावा, जायका बढ़ाने के लिए टेस्ट इनहेंसर्स जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल भी किया जाता है। यह सब इंग्रीडियंट्स हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, खासकर अगर इन्हें लंबे समय तक खाया जाए।

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2. डाइजेस्टिव बिस्किट्स का असली उद्देश्य और उनका इतिहास

डाइजेस्टिव बिस्किट्स का मूल उद्देश्य कब्ज और खराब पाचन से जूझ रहे लोगों की मदद करना था। यह बिस्किट्स ज्यादा फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होने का दावा करते थे। इनका सेवन चाय के साथ किया जाता था और यह खासतौर पर डायबिटीज और अन्य पाचन समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए सुझाए जाते थे। हालांकि, यह सब दावे अब धीरे-धीरे सवालों के घेरे में आ गए हैं क्योंकि बाजार में उपलब्ध डाइजेस्टिव बिस्किट्स में आमतौर पर बहुत सारी अस्वास्थ्यकर सामग्री मिलाई जाती है।

3. ग्लूटेन का खतरा

डाइजेस्टिव बिस्किट्स आमतौर पर गेंहू के आटे से बनते हैं, जिसमें ग्लूटेन पाया जाता है। विभिन्न ब्रांड्स में ग्लूटेन की मात्रा अलग-अलग होती है। यदि आप ग्लूटेन सेंसिटिव हैं, तो इन बिस्किट्स का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा ग्लूटेन का सेवन पेट दर्द, गैस, डायरिया या कब्ज जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

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4. सैचुरेटेड फैट का असर

कई डाइजेस्टिव बिस्किट्स को फैट फ्री होने का दावा किया जाता है, लेकिन इनमें सैचुरेटेड फैट और अन्य प्रकार के फैट का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादा सैचुरेटेड फैट का सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों का कारण बन सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है जो हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से जूझ रहे हैं।

5. प्रिजरवेटिव्स और एसेंस का प्रयोग

बाजार में डाइजेस्टिव बिस्किट्स की भारी मांग को पूरा करने के लिए, इनमें प्रिजरवेटिव्स और एसेंस मिलाए जाते हैं। इनसे बिस्किट्स का स्वाद बेहतर बनता है और इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ती है। हालांकि, ये प्रिजरवेटिव्स और एसेंस रासायनिक पदार्थ होते हैं, जो हमारे शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं, खासकर जब इनका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए।

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6. शुगर का छिपा हुआ सेवन

डाइजेस्टिव बिस्किट्स के विज्ञापनों में हमें अक्सर यह बताया जाता है कि ये शुगरलेस होते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इनमें अक्सर नैचुरल स्वीटनर्स के साथ चीनी का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह शक्कर का सेवन किसी न किसी रूप में हमारे शरीर में जरूर होता है, जो मोटापा, दिल की बीमारियां और डायबिटीज जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

7. सोडियम और अन्य खतरें

डाइजेस्टिव बिस्किट्स में स्वाद बढ़ाने और हल्का नमकीन बनाने के लिए सोडियम का प्रयोग किया जाता है। अत्यधिक सोडियम का सेवन उच्च रक्तचाप, हाइपरटेंशन, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, सोडियम की मात्रा पर भी ध्यान देना जरूरी है।

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क्या डाइजेस्टिव बिस्किट्स सेहत के लिए अच्छे हैं?

डाइजेस्टिव बिस्किट्स के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। हालांकि, इनमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर जब इनका अत्यधिक सेवन किया जाए। अत: जरूरी है कि किसी भी प्रॉडक्ट पर आंखें बंद कर भरोसा करने से पहले उसके इंग्रीडियंट्स और उनकी गुणवत्ता को ध्यान से पढ़ा जाए।

अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो डाइजेस्टिव बिस्किट्स की बजाय ड्रायफ्रूट्स, स्प्राउट्स, फल, या चावल, साबूदाने, नारियल के आटे से बने नमकीन जैसे विकल्पों का सेवन करें। ये न केवल आपके शरीर को स्वस्थ रखेंगे, बल्कि आपको किसी भी तरह की एलर्जी या बीमारी से भी बचाएंगे।

इसलिए, अगली बार जब आप डाइजेस्टिव बिस्किट्स खरीदने जाएं, तो उनकी पैकेजिंग और सामग्री को ध्यान से पढ़ें, और समझें कि क्या यह वास्तव में आपके लिए सही है या नहीं।

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