India News (इंडिया न्यूज), Benefits of Basil Leaves Chutney In Uric Acid: यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन कंपाउंड के टूटने से बनता है। सामान्य स्थिति में, यह एसिड पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब इसका निर्माण अधिक मात्रा में होने लगता है या किडनी इसे प्रभावी रूप से फिल्टर नहीं कर पाती, तो यह रक्त में जमा होने लगता है, जिससे हाई यूरिक एसिड की समस्या उत्पन्न होती है।
हाई यूरिक एसिड के दुष्प्रभाव
यूरिक एसिड के अधिक स्तर से गठिया (गाउट), जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यह किडनी स्टोन और अन्य गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
तुलसी के पत्तों से यूरिक एसिड को नियंत्रित करें
आयुर्वेद में तुलसी को एक औषधीय पौधा माना जाता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी है। तुलसी के पत्तों में मौजूद गुण यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। तुलसी की चटनी बनाकर इसका सेवन करने से यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है।
तुलसी की चटनी बनाने की विधि
तुलसी की चटनी तैयार करना बहुत आसान है। इसे बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
सामग्री:
- 10-12 तुलसी के पत्ते (धोकर काट लें)
- 1 हरी मिर्च
- 1 इंच अदरक का टुकड़ा
- 2-3 लहसुन की कलियां
- स्वादानुसार नमक
- थोड़ा सा नींबू का रस (वैकल्पिक)
बनाने की विधि:
- तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह धो लें।
- हरी मिर्च, अदरक और लहसुन को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- सभी सामग्रियों को मिक्सी में डालकर अच्छी तरह पीस लें।
- स्वाद के अनुसार नमक और नींबू का रस मिलाएं।
- तैयार चटनी को ताजे भोजन के साथ सेवन करें।
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तुलसी की चटनी के अन्य लाभ
- यह चटनी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है।
- शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है।
- पाचन को सुधारती है और मेटाबोलिज्म को तेज करती है।
- शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होती है।
अगर आप हाई यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं, तो तुलसी की चटनी एक प्राकृतिक और कारगर उपाय हो सकती है। नियमित रूप से इस चटनी का सेवन करने से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है और कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं।