India News (इंडिया न्यूज), Bathing Daily Effect: रोज़ाना नहाना एक अहम सांस्कृतिक प्रथा है। वहीं अगर रोजाना नाहनें वालों का आँकड़ा देखें तो ये आँकड़े बहुत अलग-अलग हैं; अमेरिका में, लगभग दो तिहाई लोग रोज़ाना नहाते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और भारत में, यह 80% से ज़्यादा है। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि रिसर्च के मुताबिक, केवल आधे चीनी लोगों का कहना है कि वे हफ्ते में दो बार नहाते हैं। यह सवाल उठाता है कि सीमा पार की आदतों में इन अंतरों का क्या कारण है? रोज़ाना नहाना एक सामाजिक संस्कार बन गया है, जो अक्सर यौवन के आसपास शुरू होता है और जीवन भर बना रहता है। लेकिन क्या यह वास्तव में स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, या केवल सांस्कृतिक अपेक्षाओं का परिणाम है?
- रोजाना नहाने के नुकसान
- जानलेवा बन सकती हैं आपकी ये आदत
- जानें एक्सपर्ट की राय
रोजाना नहाने के नुकसान
इसके साथ ही रिसर्च में कहा गया है की हमारे इम्यून सिस्टम को शरीर में एंटीबॉडी बनाने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक सामान्य बैक्टीरिया, गंदगी और या सूक्ष्मजीवों की जरूरत होती है। यही वजह है कि डॉक्टर और एक्सपर्ट बच्चों को रोजाना नहलाने से मना करते हैं। हम जो एंटीबैक्टीरियल शैंपू और साबुन इस्तेमाल करते हैं, वे हमारे शरीर के अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं। रिसर्च की मानें तो ये त्वचा पर बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकता हैं। और इससे कम अनुकूल बैक्टीरिया बनने का खतरा भी शरीर में बढ़ जाता है।
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जानें एक्सपर्ट की राय
डॉक्टर्स की मानें तो, त्वचा में होनी वाली सम्स्याओं से पीड़ित लोगों या बहुत रूखी त्वचा वाले लोगों को केवल 5 मिनट तक नहाना चाहिए। ऐसे लोगों को एक बार में एक मिनट से ज़्यादा शॉवर के नीचे नहीं रहना चाहिए। यह आपके त्वचा और बालों दोनों के लिए बुरा साबित हो सकता है। इसके साथ ही एक रिपोर्ट के मुताबिक, गर्म पानी शरीर के नेचुरल तेल को ज़्यादा तेज़ी से खत्म करता है और आपकी नर्म त्वचा को भी नुकसान पहुँचाता है। इस सर्कुलेशन को बैलेंस करने के लिए कुछ लोग या तो बेहद ठंडे या बेहद गर्म पानी से नहाते हैं।
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