India News (इंडिया न्यूज), Benefits of Satyanashi Plant: प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद में ऐसे कई औषधीय पौधों का वर्णन मिलता है, जो मानव शरीर को स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रखने में सक्षम हैं। इन्हीं में से एक है ‘सत्यानाशी’, जिसे ‘स्वर्णाक्षीरी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे का उपयोग मर्दाना कमजोरी, मधुमेह, पीलिया, पेट दर्द, खांसी और यूरिन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। पतंजलि के आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे और जड़ी-बूटियों के विशेषज्ञ वासुदेव के अनुसार, सत्यानाशी औषधीय गुणों का खजाना है।

सत्यानाशी: औषधीय गुणों की खान

सत्यानाशी के पौधे से पीले रंग का एक तरल पदार्थ निकलता है, जिसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-डायबिटीक, एनाल्जेसिक, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीस्पास्मोडिक और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण मौजूद होते हैं। इस पौधे के पत्तों का रस, बीज का तेल, और फूलों से निकलने वाले दूध का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

मात्र 3 दिन में मोटी से मोटी पथरी को भी कर देती है फ्लश ये देसी चीज, सस्ती सी ये चीज आपके लिए नहीं होगी किसी अजूबे से कम?

मर्दाना कमजोरी का उपचार

मर्दाना कमजोरी और शुक्राणुओं की कमी के लिए सत्यानाशी अत्यंत प्रभावी माना गया है। इसके नियमित सेवन से शरीर में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, सत्यानाशी के सेवन से 21 दिनों के भीतर शारीरिक कमजोरी दूर की जा सकती है।

पीलिया में रामबाण इलाज

पीलिया जैसी खतरनाक बीमारी के उपचार में सत्यानाशी का पौधा अद्भुत परिणाम देता है। इसके लिए सत्यानाशी के तेल में गिलोय का रस मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह मिश्रण पीलिया को जड़ से समाप्त कर देता है।

क्या आपको भी नहाते समय टॉयलेट करने की गंदी आदत? सावधान! शरीर के लिए बढ़ा रहे है ऐसे खतरे जिन्हे समय रहते नहीं रोका तो बिगड़ जाएगी बात

यूरिन की समस्याओं का समाधान

पेशाब में जलन या रुकावट जैसी समस्याओं के लिए सत्यानाशी अत्यधिक लाभकारी है। इस पौधे में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो यूरिन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद करते हैं। इसके लिए सत्यानाशी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए।

सेवन के तरीके

  1. रस के रूप में: सत्यानाशी के पौधे की जड़, पत्तियों और फूलों को पीसकर रस निकालें। इस रस का सेवन प्रतिदिन अधिकतम 20 मिलीलीटर तक करें।
  2. चूर्ण के रूप में: सत्यानाशी की पत्तियों को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। इसे सुबह और शाम एक-एक चम्मच पानी या दूध के साथ लें।

सर्दियां शुरू होते ही गेहूं छोड़ तुरंत स्टार्ट कर दें इस आटे की रोटी, शरीर को मिलेंगे ऐसे लाजवाब फायदे कि खुद कहेंगे ‘भई वाह’

सत्यानाशी आयुर्वेद का एक अनमोल उपहार है, जिसका सही तरीके से उपयोग कई बीमारियों को दूर कर सकता है। हालांकि, इसे किसी भी आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेकर ही उपयोग में लाना चाहिए। यह पौधा न केवल शारीरिक कमजोरी को दूर करता है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।