Benefits oF Yoga : आजकल की लाइफस्टाइल में उम्र बढ़ने के साथ ही अनियमित खानपान और शरीर में घर कर चुकी बीमारियों के चलते हड्डियां कमजोर हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि योग करने से इससे बचा जा सकता है। अमेरिका में हुई एक ताजा रिसर्च में पता चला है कि योग करने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और उनका क्षरण (घनत्व कम होना) रोकने में मदद मिलती है। अमेरिकी रिसर्चर डॉ फिशमैन द्वारा किए गए शोध में ये बात निकलकर सामने आई है कि योग से ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को भी फायदा पहुंचा हैं। (Benefits oF Yoga)
वहीं एक अन्य शोध में पाया है कि सप्लीमेंट्स हड्डियों को मजबूती प्रदान नहीं करते हैं। डॉ फिशमैन ने 741 लोगों को रोजाना या एक दिन के गैप में 7 योगासन करने को कहा। इस दौरान हर एक योग को करने का समय 1 मिनट था। 2005 से 2015 तक यानी 10 साल तक की गई इस स्टडी में 83 प्रतिशत ऐसे लोग शामिल थे, जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस या ऑस्टोपीनिया था। बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है, हड्डियां खोखली होने लगती हैं, जिससे वो जल्दी टूट जाती हैं। इसकी जो फर्स्ट स्टेज होती है उसे ऑस्टोपीनिया कहते हैं।
रिसर्च में पाया गया कि योग करने वाले 277 लोगों में रीढ़ और फीमर बोन यानी जांघ की हड्डी का घनत्व बढ़ गया है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2019 तक भारत में ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग 5 करोड़ थी, जिसमें 4.6 करोड़ महिलाएं हैं। हड्डियों को फायदा पहुंचाने वाले योग इस प्रकार हैं।
वृक्षासन (Benefits oF Yoga)
ताड़ासन में खड़े हो जाएं, अब दाएं पैर को मोड़ते हुए पंजे को बाईं जांघ पर जितना ऊपर हो सके टिकाएं। शरीर को संतुलित करते हुए बाजुओं को ऊपर उठाकर हथेलियों को नमस्कार की मुद्रा में जोड़ लें। 30 से 60 सेकंड तक रुकें. ऐसे ही दूसरे पैर से दोहराए। इससे जाघों, टखनों और रीढ़ को मजबूती मिलती है।
त्रिकोणासन (Benefits oF Yoga)
पैरों को 3-4 फीट की दूरी पर फैलाकर खड़े हो जाएं। दाहिना पैर 90 डिग्री पर बाहर की ओर व बायां पैर 15 डिग्री पर रखें। अब शरीर दाहिनी तरफ मोड़ें, बाएं हाथ को ऊपर उठाएं, दाहिने हाथ से जमीन को छुएं। 30 सेकंड रुकें, बाएं पैर से दोहराएं, ये आसन गर्दन पीठ और कमर को मजबूत करता है।
वीरभद्रासन (Benefits oF Yoga)
3-4 फीट की दूरी पर पैर फैलाकर खड़े हो जाएं। बाएं पैर को 45 डिग्री अंदर मोड़ें, दाहिने पैर को 90 डिग्री बाहर रखें। हाथों को फैलाएं, दाएं घुटने को मोड़ें, दाहिने हाथ को देखें 30 सेकंड रुकें। अब बाईं और से दोहराएं। ये कंधे, बाजुओं और पीठ को मजबूत करता है।
परिवृत्त त्रिकोणासन (Benefits oF Yoga)
3 से 3.5 फीट तक पैर खोलकर खड़े हो जाएं, बाएं पैर को 45-60 डिग्री अंदर मोड़ें, दाहिने पैर को 90 डिग्री बाहर रखें.अब धीरे धीरे धड़ को दाहिनी ओर कूल्हे से 90 डिग्री मोड़ें। अब सांस को अंदर भरते हुए बाएं हाथ को दाएं पंजे की बाहरी तरफ जमीन पर टिका दें। दाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाकर गर्दन घुमाते हुए इसे देखें। 30 सेकंड तक रुकें. अब बाईं और से दोहराएं। ये पैर, कूल्हे और रीढ़ को मजबूत बनाता है।
हस्तपादासन (Benefits oF Yoga)
सीधे हो जाएं। दोनों हाथ हिप्स पर रख लें. सांस को भीतर खींचते हुए आगे की तरफ झुकें। हाथों को पैर के पंजे के बल पर जमीन पर रखने का प्रयास करें। 15-30 सेकंड तक इस अवस्था में रुकें। सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं। ये आसन पीठ, गर्दन, कूल्हों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही दिमाग को शांत करता है।
सेतुबंध आसन (Benefits oF Yoga)
पीठ के बल लेट जाएं, हाथों को शरीर से सटा लें। अब पैरों को पंजों पर दबाव डालते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं। शरीर को एक सीध में कर लें। अब दोनों हाथों को जोड़ लें। 5 से 10 सेकंड तक रुकें। 3 बार रिपीट करें। इससे छाती और गर्दन की मसल्स स्ट्रांग होती है।
उत्थित पार्श्वकोणासन (Benefits oF Yoga)
4 फीट तक पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं। बाएं पैर को 20 डिग्री अंदर की ओर व दाहिने को 90 डिग्री पर बाहर रखें। दाहिने घुटने को मोड़ें। दाहिने हाथ को दाहिने पैर से बाहर की तरफ फर्श पर रखें. अब बाएं हाथ व पैर को सीध में करें। 60 सेकंड तक ऐसे ही रुकें। ये आसन कूल्हों, छाती और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
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