India News (इंडिया न्यूज़), Foods Cause Cancer: कैंसर, एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें शरीर के कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का निर्माण होता है। यह ऑर्गन के सही तरीके से कार्य न करने का कारण बन सकता है, जो अंततः जीवन के लिए खतरे का कारण बनता है। कैंसर का कारण विभिन्न फैक्टरों में हो सकता है, जैसे कि डीएनए में बदलाव, जहर युक्त केमिकल्स का संपर्क, और लाइफस्टाइल की आदतें। खानपान भी इस कारण में शामिल हो सकता है।

हाल ही में, ऑन्कोलॉजी डाइटिशियन निकोल एंड्रयूज ने कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले दो खाद्य पदार्थों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। आइए जानें कि ये खाद्य पदार्थ कौन से हैं और कैसे ये हमारे कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

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कैंसर का कारण बन सकते हैं ये दो खाद्य पदार्थ

निकोल एंड्रयूज का कहना है कि आमतौर पर यह समझा जाता है कि जो हम खाते हैं, वह हमारे कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है, लेकिन केवल दो प्रकार के खाद्य पदार्थों का प्रभाव कैंसर के जोखिम पर सबसे ज्यादा होता है।

  1. शराब
    शराब का अत्यधिक सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर ब्रेस्ट और लिवर कैंसर के मामले में। यह इस तरह से कार्य करता है कि शराब के सेवन से शरीर में एथिल अल्कोहल उत्पन्न होता है, जो कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव कर सकता है। इसके अलावा, शराब शरीर के विभिन्न अंगों पर दबाव डालकर कैंसर को जन्म देने वाले कारकों को सक्रिय कर सकता है।
  2. प्रोसेस्ड मीट (Processed Meats)
    प्रोसेस्ड मीट, जैसे हॉट डॉग, बेकन, सॉसेज और डेली मीट, कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं। खासतौर पर यह कोलन कैंसर से जुड़ा हुआ है। प्रोसेस्ड मीट में रासायनिक पदार्थों और संरक्षक (preservatives) का इस्तेमाल होता है, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। इन मांस उत्पादों में नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स होते हैं, जो शरीर में कार्सिनोजेनिक (कैंसरजनक) तत्वों को जन्म दे सकते हैं।

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कैंसर के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है?

कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए शराब और प्रोसेस्ड मीट से पूरी तरह से परहेज करना महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हम इन दोनों चीजों से बचें, तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। यदि आप कैंसर से बचने के लिए अपने खानपान पर नियंत्रण रखना चाहते हैं, तो ये दो खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट से बाहर करना सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।

चीनी और कैंसर का संबंध

हालांकि कई लोग यह मानते हैं कि चीनी कैंसर का कारण बनती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनती। सभी कोशिकाएं ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग करती हैं, और चीनी शरीर में कैंसर कोशिकाओं को ‘भूखा’ नहीं रखती। हालांकि, अतिरिक्त चीनी और कैलोरी का सेवन शरीर में अधिक फैट का निर्माण कर सकता है, जो सूजन पैदा करता है और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है, जो ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देता है।

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इसके साथ ही, अतिरिक्त फैट टिश्यू शरीर में सूजन (inflammation) पैदा करता है और सूजन वाले हार्मोन, जैसे कि इंसुलिन और ऑस्ट्रोजन, कैंसर के विकास के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अधिक वजन और मोटापा शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं, जो 13 तरह के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जैसे कि ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, ओवेरियन, और कोलन कैंसर।

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, और इसका खतरा जीवनशैली और खानपान पर निर्भर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब और प्रोसेस्ड मीट का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, जबकि चीनी का सेवन सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनता, लेकिन अतिरिक्त फैट और वजन बढ़ने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और खानपान में सुधार करके हम कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।

अपने खानपान पर ध्यान देना, नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करना और एक स्वस्थ वजन बनाए रखना कैंसर से बचने के लिए जरूरी कदम हो सकते हैं।

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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।