Causes of Rabies: रेबीज एक वायरल इंफेक्शन है जो लायसा वायरस के कारण होता है। इंसान के शरीर में यह वायरस कुत्ते, बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने से प्रवेश करता है। यह वायरस पालतू जानवरों के वजह से भी इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। इंसान का खून जब जानवरों के लार‌ के साथ संपर्क में आता है

तब रेबीज का खतरा बढ़ जाता है। रेबीज को एक जानलेवा रोग माना गया है। जानकार बताते हैं कि रेबीज के लक्षण बहुत देर बाद नजर आते हैं इसलिए समय रहते इस रोग का पता लगाना बहुत आवश्यक है। जब रेबीज का वायरस इंसान के नर्वस सिस्टम में पहुंच जाता है, तब यह दिमाग में सूजन पैदा करता है जिसकी वजह से कोमा जैसी परिस्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। यह वायरस इंसान की त्वचा,  मांसपेशियो और रीड की हड्डी को भी प्रभावित करता है।

रेबीज के लक्षण (Causes of Rabies)

अगर किसी इंसान को तेज बुखार, सिरदर्द‌, घबराहट या बेचैनी, पानी से डर, खाना-पीना खाने में कठिनाई, व्याकुलता, अनिद्रा और चिंता जैसी परेशानी आ रही है तो यह रेबीज के लक्षण हैं। जब किसी इंसान को रेबीज होता है तब अत्यधिक लार भी निकलता।

जानवर के काटने पर ये करें (Causes of Rabies)

अगर किसी कुत्ते या बंदर ने आपको काट लिया है तो बिना विलंब किए डॉक्टर से इलाज करवाएं। तब तक जहां जानवर ने काटा है वहां 10 से 15 मिनट के लिए साबुन से साफ करें।

क्या नहीं करना चाहिए (Causes of Rabies)

अगर किसी जानवर ने आपको काट लिया है तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें। जहां जानवर ने काटा है वहां डॉक्टर की सलाह लिए बिना कोई इलाज ना करें। जख्म पर मिर्ची ना लगाएं।

लगाएं वैक्सीन या एआरवी का टीका

अगर आपको किसी जानवर ने काटा है तो 72 घंटे के अंदर डॉक्टर से इसका इलाज करवा लें। बता घंटे के बाद इलाज करने से फायदा नहीं मिलता है। अगर हल्का सा भी निशान पड़ा है तो एंटी रेबीज इंजेक्शन का उपयोग जरूर करें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।

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