India News (इंडिया न्यूज),Cigarettes: क्या आपको लगता है कि सिगरेट पीने से सिर्फ़ फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है? अगर हां, तो सच जानकर आप चौंक सकते हैं। सिगरेट का धुआं धीरे-धीरे पूरे शरीर को जहर की तरह नुकसान पहुंचाता है। दिल से लेकर दिमाग तक, त्वचा से लेकर आंखों तक, कोई भी अंग इस जहर से बच नहीं सकता। क्या आपने कभी सोचा है कि जो सिगरेट आपको चंद मिनटों का सुकून देती है, वो आपकी ज़िंदगी के कई साल चुरा रही है? धूम्रपान से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, आंखों की रोशनी जाने और यहां तक ​​कि अंधेपन का खतरा भी बढ़ जाता है। इस नेशनल नो स्मोकिंग डे 2025 पर आइए जानते हैं कि सिगरेट से किन अंगों को नुकसान पहुंचता है और क्यों इन्हें छोड़ना आपकी सेहत के लिए सबसे बड़ा तोहफा होगा।

कौन से हैं वो 5 अंग

दिल

सिगरेट पीने वालों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 2 से 4 गुना ज़्यादा होता है। सिगरेट से निकलने वाला निकोटीन और टार रक्त वाहिकाओं को संकरा कर देता है, जिससे रक्त संचार प्रभावित होता है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देता है, जिससे दिल पर ज़्यादा दबाव पड़ता है। ब्लड प्रेशर हमेशा हाई रहता है, जिससे धीरे-धीरे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

मस्तिष्क

क्या आप जानते हैं कि सिगरेट पीने से याददाश्त कमज़ोर हो सकती है और डिमेंशिया का ख़तरा बढ़ सकता है? धुएँ में मौजूद रसायन मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं। जिससे स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है। यह तंत्रिका तंत्र को कमज़ोर करता है। जिससे एकाग्रता और सोचने की क्षमता कम हो जाती है।

त्वचा

सिगरेट का धुआँ आपकी त्वचा से नमी और ज़रूरी पोषक तत्व छीन लेता है, जिसकी वजह से चेहरे पर झुर्रियाँ, दाग-धब्बे और त्वचा बेजान होने लगती है। कोलेजन का उत्पादन कम हो जाता है। जिसकी वजह से त्वचा ढीली पड़ने लगती है और आप समय से पहले बूढ़े दिखने लगते हैं। धूम्रपान करने वालों की त्वचा जल्द ही बेजान और काली हो जाती है, क्योंकि धूम्रपान करने से त्वचा में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है।

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किडनी

क्या आप जानते हैं कि सिगरेट पीने से किडनी कैंसर का खतरा 50% तक बढ़ जाता है? धुएँ में मौजूद टॉक्सिन किडनी के ऊतकों को नुकसान पहुँचाते हैं, जिसकी वजह से किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है।

आँखें

सिगरेट का धुआँ आँखों की नाज़ुक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे रक्त संचार धीमा हो जाता है और दृष्टि कमज़ोर हो जाती है। लंबे समय तक धूम्रपान करने से मोतियाबिंद और धुंधली दृष्टि का विकास जल्दी हो सकता है। सिगरेट पीने वालों में आयु-संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन (एएमडी) का जोखिम तीन गुना अधिक होता है, जिसके कारण उम्र बढ़ने के साथ दृष्टि पूरी तरह समाप्त हो जाती है।

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