India News (इंडिया न्यूज), Corona Cases: WHO के नए आंकड़ों के मुताबिक इस समय भारत समेत 20 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस अपने पैर पसार चुका है। कोरोना संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ है कि वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं? क्या वाकई में वायरस में किइस खतरनाक म्यूटेन्ट के रूप में सामने आया है? यह सवाल बेहद चिंता जनक हैं। इस बार कोरोना के पैटर्न में JN.1, BA.2.86 के मामले बढ़ रहे हैं। यानि इस वेरिएंट में क्षमता है कि ये तेजी से फैल सकता है, लेकिन अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन या ICMR की तरफ से इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि ये वेरिएंट पहले वाले से ज्यादा खतरनाक हैं।
यहां एक सवाल तेजी से उठ रहा है कि अगर ये वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं हैं, तो फिर मामले क्यों बढ़ रहे हैं? इस सवाल के जवाब में दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉ. अजीत कुमार कहते हैं कि इस समय मौसम में काफी बदलाव आया है। नमी, बारिश और तापमान गिर रहा है। इससे वायरल संक्रमण बढ़ता है। लोगों को खांसी, जुकाम और हल्का बुखार जैसी समस्याएं होती हैं। जब फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, तो आस-पास मौजूद कोई भी दूसरा वायरस भी संक्रमित हो जाता है। चूंकि कोविड पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और इसके वेरिएंट बदल गए हैं, इसलिए मामले बढ़ रहे हैं।
कोरोना कैसे कर रहा है इतनी तेज असर?
इस सवाल के जवाब में डॉ. अजीत कहते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी इसका एक कारण हो सकता है। समय के साथ लोगों की कोविड के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है। वैक्सीन की प्रभावशीलता भी समय के साथ कम हो सकती है। इस कारण वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। म्यूटेशन भी लगातार हो रहे हैं, इसलिए नए-नए वैरिएंट से संक्रमण हो रहा है।
क्या वायरस फिर से मजबूत हो गया है?
इस संबंध में महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि 2020 जैसा खतरा नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि कोविड फिर से बहुत खतरनाक हो गया है। यह एक फ्लू की तरह ही है और इससे मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं आ रहे हैं। ऐसे में घबराने की कोई बात नहीं है। लेकिन फिर भी बुजुर्ग, मधुमेह, अस्थमा, कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग अभी भी जोखिम में हैं। ऐसे में इन लोगों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है।