India News (इंडिया न्यूज), Covid-19: पांच साल पहले कोविड-19 ने दुनिया को झकझोर दिया था। लाखों लोगों की जान लेने वाला यह वायरस अब एक बार फिर सक्रिय होता दिख रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 के नए वेरिएंट्स ने एक बार फिर फेफड़ों और श्वसन स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

एक्सपर्ट की राय

शारदा केयर हेल्थसिटी के श्वसन चिकित्सा विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ सलाहकार, डॉक्टर देवेंद्र कुमार सिंह, बताते हैं कि कोविड-19 का नया दौर शुरू हो चुका है। पहले की तरह, इस बार भी फेफड़ों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, नए वेरिएंट्स की प्रकृति अलग है। पिछली बार कोरोना के गंभीर प्रभाव वाले मरीजों में लंबे समय तक सांस लेने में दिक्कत, थकान और खांसी जैसे लक्षण देखे गए थे।

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पल्मोनरी फाइब्रोसिस और फेफड़ों की स्कारिंग

कोविड-19 की सबसे चिंताजनक जटिलताओं में से एक है पल्मोनरी फाइब्रोसिस, जो फेफड़ों की कोशिकाओं में स्थायी घाव या स्कारिंग का कारण बनता है। रिसर्च में पाया गया कि कोविड-19 से उबरने वाले 50% मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण देखे गए। यह स्थिति रक्त में ऑक्सीजन की सप्लाई को प्रभावित करती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ और पुरानी खांसी जैसी समस्याएं होती हैं।

लॉन्ग कोविड के लक्षण

कई मरीज, जो कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं, महीनों तक क्रॉनिक खांसी, सांस फूलने और थकान जैसी समस्याओं से जूझते हैं। एक स्टडी के अनुसार, लगभग 60% मरीजों में ये लक्षण 3 से 6 महीने तक बने रहते हैं।

क्या इस बार डरने की जरूरत है?

डॉ. सिंह के अनुसार, इस बार के वेरिएंट्स इम्यून सिस्टम पर ज्यादा हमला कर रहे हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग या ऐसे व्यक्ति जो डायबिटीज, हाई बीपी, और अस्थमा जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि, इस बार फेफड़ों पर असर की संभावनाएं कम हैं, लेकिन लॉन्ग कोविड के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

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फेफड़ों की सेहत बनाए रखने के उपाय

  1. फेफड़ों की जांच: अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं, तो HRCT स्कैन या PFT टेस्ट कराएं।
  2. धूम्रपान से बचें: फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए स्मोकिंग से दूरी बनाएं।
  3. नियमित व्यायाम: श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए प्राणायाम और हल्का व्यायाम करें।
  4. डॉक्टर से सलाह लें: थकान या सांस फूलने की समस्या होने पर फिजिशियन या पल्मोनोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

कोविड-19 का प्रभाव फिर से बढ़ रहा है, लेकिन इस बार फेफड़ों की समस्याएं उतनी गंभीर नहीं मानी जा रही हैं। इसके बावजूद, जिन मरीजों को पहले कोरोना का अनुभव हो चुका है, उन्हें सतर्क रहने और अपनी फेफड़ों की सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। नियमित जांच और स्वस्थ आदतें इस महामारी के प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकती हैं।

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