India News (इंडिया न्यूज), Digital Screen Impact On Vision: आज की डिजिटल दुनिया में, स्क्रीन का उपयोग हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन पर घंटों बिता रहे हैं। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि यह आदत आपकी सेहत पर कितना नकारात्मक प्रभाव डाल रही है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ता स्क्रीन टाइम न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।

स्क्रीन टाइम और स्वास्थ्य पर प्रभाव

1. शारीरिक निष्क्रियता और बीमारियां

स्क्रीन के सामने बैठे या लेटे रहने की आदत ने शारीरिक गतिविधियों को कम कर दिया है। इससे मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

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2. मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य

अधिक स्क्रीन टाइम से दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सोशल मीडिया और वीडियो गेम्स पर ज़्यादा समय बिताने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है और भावनात्मक अस्थिरता जैसे चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ सकता है।

3. आंखों पर प्रभाव

डॉक्टरों के अनुसार, स्क्रीन टाइम के कारण मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। मायोपिया में पास की चीज़ें तो साफ दिखती हैं, लेकिन दूर की चीज़ें धुंधली दिखाई देती हैं। यह समस्या बच्चों और किशोरों में विशेष रूप से बढ़ रही है।

मायोपिया: बढ़ता खतरा

मायोपिया के मामले पिछले 30 सालों में काफी बढ़े हैं। 1990 में यह समस्या 24% लोगों में थी, जो 2023 में बढ़कर 36% हो गई।

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1. अध्ययन के नतीजे

हाल ही में JAMA नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि दिन में एक घंटे से अधिक स्क्रीन देखने वाले लोगों में मायोपिया का खतरा 21% तक बढ़ जाता है। चार घंटे से अधिक स्क्रीन पर समय बिताने से यह खतरा कई गुना बढ़ सकता है।

2. बच्चों में बढ़ता प्रकोप

ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के अनुसार, हर तीन में से एक बच्चा मायोपिया का शिकार है। अगर यह समस्या ऐसे ही बढ़ती रही, तो 2050 तक 40% बच्चे इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेस और घर में समय बिताने से इस समस्या में और इज़ाफा हुआ है।

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स्क्रीन टाइम के अन्य नुकसान

1. आंखों की समस्याएं

स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने से आंखों में जलन, खुजली और धुंधलापन हो सकता है। इससे आंखों में दर्द और थकावट भी बढ़ जाती है।

2. नींद पर असर

स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को बाधित करती है, जिससे नींद का चक्र बिगड़ सकता है।

3. ध्यान केंद्रित करने में कमी

स्क्रीन टाइम की लत के कारण ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे पढ़ाई और काम में बाधा आती है।

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स्क्रीन टाइम को कैसे कम करें?

1. डिजिटल डिटॉक्स

हर दिन एक निश्चित समय पर डिजिटल डिवाइस से ब्रेक लें। यह मस्तिष्क और आंखों को आराम देने में मदद करता है।

2. आउटडोर गतिविधियां

बच्चों और युवाओं को आउटडोर खेलों और शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।

3. स्क्रीन टाइम सीमित करें

बच्चों के स्क्रीन टाइम पर सीमाएं लगाएं और उन्हें समय का सही उपयोग सिखाएं।

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4. 20-20-20 नियम अपनाएं

हर 20 मिनट बाद स्क्रीन से नजर हटाकर 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड तक देखें।

बढ़ता स्क्रीन टाइम हमारी सेहत के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इसे नियंत्रित करना न केवल हमारी आंखों बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टीवी का संतुलित उपयोग करके हम इस समस्या से बच सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।