India News (इंडिया न्यूज), Symptoms of Liver Cirrhosis: लिवर सिरोसिस को साइलेंट किलर माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह बीमारी बिना किसी खास लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ती है, जिसकी वजह से शुरुआती दौर में इसकी पहचान करना लगभग नामुमकिन होता है। लिवर खून से विषाक्त पदार्थों को छानता है, प्रोटीन बनाता है और खून के थक्के बनने से रोकता है। ऐसे में जब सिरोसिस होता है, तो ये सभी काम ठीक से नहीं हो पाते और लिवर फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

लिवर सिरोसिस कैसे होता है?

सिरोसिस तब होता है जब लिवर लगातार क्षतिग्रस्त होता है। वैसे तो लिवर खुद को ठीक करने में सक्षम होता है, लेकिन जब यह बार-बार घायल होता है, तो नई कोशिकाएं नहीं बन पाती हैं। इसके कारण लिवर बीमारियों से घिर जाता है और सड़ने लगता है।

लिवर सिरोसिस के सामान्य लक्षण

थकान

वजन कम होना

त्वचा और आंखों का पीला पड़ना

पेट में पानी का जमा होना

लिवर सिरोसिस के कारण

शराब का बार-बार और अत्यधिक सेवन सीधे लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे सूजन होती है।

अगर हेपेटाइटिस बी वायरल संक्रमण का समय पर इलाज न किया जाए, तो सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

गलत खान-पान की वजह से मोटापे और मधुमेह से पीड़ित लोगों को इस बीमारी सिरोसिस का खतरा अधिक हो सकता है।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलत तरीके से लिवर की कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

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सिरोसिस का उपचार

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिरोसिस का उपचार इसकी गंभीरता और इसके कारण पर निर्भर करता है। ऐसे में इस स्थिति को ठीक करने के लिए शराब पीना पूरी तरह से बंद करना, हेपेटाइटिस के लिए एंटीवायरस लेना और स्वस्थ जीवनशैली के साथ संतुलित आहार लेना ज़रूरी है।

सिरोसिस से बचने के उपाय

सिरोसिस से बचने के लिए जोखिम वाले कारकों से दूर रहना बहुत ज़रूरी है। शराब का सेवन सीमित करना, हेपेटाइटिस के खिलाफ़ टीका लगवाना, स्वस्थ वज़न बनाए रखना और नियमित रूप से लिवर की जाँच करवाना ज़रूरी है।

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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।