India News (इंडिया न्यूज़), 5 Types of Pulses in Uric Acid: भारतीय घरों में दालों से बनी रेसिपी का खूब इस्तेमाल किया जाता है। दाल से बनी सिंपल दाल या पूरी हर किसी की पसंदीदा डिश होती है। लेकिन कुछ लोगों के लिए दालों का सेवन करना खतरनाक नहीं होता है। कुछ दालों का सेवन मुख्य रूप से यूरिक एसिड के कारण करने की सलाह दी जाती है। अगर आप दालों का सेवन करते हैं तो आपके जोड़ों में दर्द, सूजन जैसी समस्याएं काफी बढ़ सकती हैं। तो यहां जानें कुछ ऐसी दालों के बारे में, जो यूरिक एसिड के बारे में बताती हैं।

यूरिक एसिड में दाल न खाएं

अगर आप यूरिक एसिड से पीड़ित हैं, तो कोशिश करें कि दाल का सेवन न करें। दरअसल, दाल में प्यूरीन की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। हालांकि इसमें प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, लेकिन इसे यूरिक एसिड के मरीजों के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए कोशिश करें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।

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यूरिक एसिड में उड़द की दाल न खाएं

यूरिक एसिड में उड़द की दाल यानी बिना छिलके वाली दालों से भी परहेज करना चाहिए। इसमें बहुत अधिक मात्रा में प्यूरीन होता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। हालांकि यह पौष्टिक होती है और इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, लेकिन इस दाल का अधिक सेवन शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है।

यूरिक एसिड में न खाएं अरहर की दाल

यूरिक एसिड के मरीजों को अपनी डाइट में अरहर की दाल शामिल नहीं करनी चाहिए। दरअसल, अरहर की दाल में बहुत अधिक मात्रा में प्यूरीन होता है, जो आपके खून में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। भारतीय घरों में अरहर की दाल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप खुद को यूरिक एसिड से बचाना चाहते हैं, तो अरहर की दाल का सेवन कम करें।

यूरिक एसिड में काली या साबुत उड़द की दाल न खाएं

यूरिक एसिड के मरीजों को अपनी डाइट में काली उड़द की दाल को भी शामिल करने से बचना चाहिए। इसमें बहुत ज़्यादा मात्रा में प्यूरीन होता है, जो यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ा सकता है। ज़्यादातर लोग इसे इडली, डोसा जैसी डाइट में शामिल करते हैं। अगर आप अपने यूरिक एसिड को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो काली उड़द की दाल का सेवन सीमित करें।

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यूरिक एसिड में चना दाल न खाएं

यूरिक एसिड के मरीजों को चना दाल का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। इसमें प्यूरीन की मात्रा भी मध्यम होती है। यह भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला सबसे आम मसाला है। हालांकि, हममें से कई लोग इसे संतुलित आहार का हिस्सा मानते हैं। अगर आप चना दाल का अधिक सेवन करते हैं, तो इससे गठिया, यूरिक एसिड जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

 

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।