India News (इंडिया न्यूज),Which Oil is Best for Having: आज के समय में बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। भले ही आप घर का बना और हेल्दी खाना खा रहे हों, लेकिन यह भी बीमारियों से बचाव की गारंटी नहीं है। आपकी सेहत काफी हद तक आपके खानपान और विशेष रूप से खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेल पर निर्भर करती है।
मोटापे और हृदय रोगों का संबंध
मोटापा आजकल एक आम समस्या बन गई है, जो उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर का कारण बनती है। यह स्थिति हृदय स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करती है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हम अपने भोजन और उसमें उपयोग होने वाले तेल पर विशेष ध्यान दें।
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कुकिंग ऑयल: क्या है सही चुनाव?
प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहान के अनुसार, सही कुकिंग ऑयल का चयन और उसका सही तरीके से उपयोग करना बहुत जरूरी है। उन्होंने सफेद बटर को पीले बटर (प्रोसेस्ड) से बेहतर बताया है। इसके अलावा, वंस्पति तेल (डालडा) को उन्होंने स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक करार दिया। डॉ. त्रेहान का कहना है कि लिक्विड फैट सॉलिड फैट की तुलना में बेहतर होता है।
मेडिटेरेनियन डाइट और ऑलिव ऑयल
मेडिटेरेनियन डाइट को हार्ट हेल्थ के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है। इस डाइट में ऑलिव ऑयल का उपयोग प्रमुख रूप से किया जाता है। हालांकि, ऑलिव ऑयल काफी महंगा होता है, जो हर किसी की पहुंच में नहीं होता।
कौन-कौन से तेल उपयुक्त हैं?
डॉ. त्रेहान ने बताया कि सनफ्लावर ऑयल, राइस ब्रान ऑयल, सरसों का तेल, और ऑलिव ऑयल जैसे तेलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि एक ही तेल का लंबे समय तक उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है। इसके बजाय हर छह महीने में तेल बदलते रहना चाहिए।
तेल बदलने के फायदे
हर तेल में कुछ न कुछ खामी होती है। यदि आप एक ही प्रकार के तेल का लंबे समय तक उपयोग करते हैं, तो उसकी खामियां आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन जब आप समय-समय पर तेल बदलते हैं, तो एक तेल की खामी दूसरे तेल के स्वास्थ्यवर्धक तत्वों से संतुलित हो जाती है।
कश्मीर और बंगाल में हृदय रोग के बढ़ते मामले
डॉ. त्रेहान ने बताया कि कश्मीर और बंगाल में सरसों के तेल का अत्यधिक उपयोग होता है, और इन क्षेत्रों में हृदय रोग के मामले भी अधिक देखने को मिलते हैं। हालांकि, इसका यह अर्थ नहीं कि सरसों का तेल खराब है, बल्कि यह लंबे समय तक एक ही तेल के उपयोग के दुष्प्रभाव को दर्शाता है।
यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो अपने कुकिंग ऑयल को लेकर सजग रहें। हर छह महीने में तेल बदलें और कोशिश करें कि भोजन में संतुलित मात्रा में तेल का उपयोग करें। सही तेल का चयन और संतुलित उपयोग न केवल आपके हृदय को स्वस्थ रखेगा, बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचाव करेगा।