India News (इंडिया न्यूज़), Eating Pistachios Benefits: ड्राईफ्रूट्स को सेहत के लिए काफी हेल्दी माना जाता है, जिसमें पिस्ता भी शामिल है। पिस्ता खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। इसके साथ ही इसमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो वजन कम करने और पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर हो सकते हैं। अगर आप पिस्ता का सेवन करते हैं, तो यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने से लेकर दिल की सेहत को बेहतर बना सकता है। इसका सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं। अगर आप रोजाना 5 से 10 पिस्ता खाते हैं, तो यह आपको कई समस्याओं से निजात दिला सकता है। तो यहां जाने रोजाना पिस्ता खाने से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं?
वजन कम कर सकता है
शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में पिस्ता काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान कर सकता है। दरअसल, पिस्ता में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो आपके बढ़ते वजन को नियंत्रित कर सकता है। अगर आप अपने बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं, तो पिस्ता का सेवन करें। यह काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है।
पिस्ता नसों को मजबूत बनाता है
पिस्ता खाने से कमजोर नसों को मजबूत किया जा सकता है। इसमें मौजूद गुण रक्त वाहिकाओं को चौड़ा और फैलाने में कारगर हो सकते हैं। इससे रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है और रक्तचाप बढ़ाने में मदद मिल सकती है। पिस्ता में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड एक ऐसा यौगिक है जो वासोडिलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करता है
पिस्ता खाने से दिल की सेहत में सुधार हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपके खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकते हैं। यह रक्तचाप में भी सुधार कर सकता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है।
आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा दें
पिस्ता में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसमें मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में कारगर हो सकता है। पिस्ता में मौजूद फाइबर आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा दे सकता है। इससे पाचन संबंधी विकार दूर हो सकते हैं। यह कैंसर और हृदय रोग को कम कर सकता है।
पिस्ता उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है
पिस्ता में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि वे रक्त शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि पिस्ता खाने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह टाइप 2 मधुमेह, प्रीडायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम की स्थिति में सुधार कर सकता है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।