India News(इंडिया न्यूज), Benefits of Gila Monster Poison In Diabetes: जहरीले जीवों का नाम सुनते ही हमारे मन में डर उत्पन्न होता है। इसका कारण है उनके जहरीले डंक, जो हमारे जीवन के लिए घातक हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही जहरीले जीव और उनका जहर, कई बार अमृत साबित होते हैं? वास्तव में, कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए वैज्ञानिक जहरीले जीवों के जहर का उपयोग करते हैं। कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज के लिए कीमोथेरेपी में उपयोग की जाने वाली दवाइयों में सांप के जहरीले तत्वों का उपयोग किया जाता है।
आज हम आपको ऐसे ही एक जहर के बारे में बताएंगे, जो टाइप-2 डायबिटीज (शुगर) जैसी जीवन को बदतर बना देने वाली बीमारी के इलाज में रामबाण साबित हुआ है।
गिला मॉन्स्टर का जहर: टाइप-2 डायबिटीज का इलाज
अमेरिका में पाई जाने वाली एक जहरीली छिपकली ‘गिला मॉन्स्टर’ के जहर में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, इस प्रोटीन की मदद से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस छिपकली के जहर से तैयार किया गया यह प्रोटीन इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करता है और शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
गिला मॉन्स्टर के जहर से दो प्रमुख दवाएं – Ozempic और Wegovy बनाई जाती हैं, जो न केवल डायबिटीज बल्कि मोटापे को भी नियंत्रित करने में सहायक होती हैं। इन दवाओं ने लाखों मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जरारका सांप का जहर: जीवनरक्षक दवाई कैप्टोप्रिल
अमेरिका में पाए जाने वाले पिट वाइपर ‘जरारका सांप’ का जहर भी चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक वरदान साबित हुआ है। इस सांप के जहर से जीवनरक्षक दवाई कैप्टोप्रिल तैयार की जाती है। यह दवाई उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में अत्यधिक प्रभावी है।
कैप्टोप्रिल के निर्माण में इस्तेमाल किया गया जरारका सांप का जहर रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले एंजाइम को बाधित करता है, जिससे मरीजों को राहत मिलती है। यह दवाई लाखों हृदय रोगियों के जीवन को बचाने में सहायक रही है।
जहरीले जीवों से स्वास्थ्य लाभ: अन्य उदाहरण
गिला मॉन्स्टर और जरारका सांप के अलावा, कई अन्य जहरीले जीवों के जहर से गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयां बनाई जाती हैं। उदाहरण के लिए:
- शंकु घोंघा (Cone Snail): इस समुद्री जीव के जहर से दर्द निवारक दवाइयां तैयार की जाती हैं, जो ऑपिओइड आधारित दर्द निवारकों से अधिक प्रभावी हैं।
- सांपों के जहर से एंटीकोआगुलेंट्स: सांपों के जहर में पाए जाने वाले तत्वों का उपयोग रक्त को पतला करने वाली दवाओं में किया जाता है, जो स्ट्रोक और थ्रॉम्बोसिस के इलाज में मदद करती हैं।
- मधुमक्खी का जहर: ऑर्थराइटिस जैसी बीमारियों के इलाज में मधुमक्खी के जहर से बनी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
जहरीले जीव और उनका जहर हमारी धारणाओं से कहीं अधिक उपयोगी साबित हो सकते हैं। जहां एक ओर उनका जहर हमारी जान ले सकता है, वहीं दूसरी ओर यही जहर कई गंभीर बीमारियों के इलाज में जीवनदायिनी औषधियों का स्रोत बन सकता है। वैज्ञानिक शोधों और चिकित्सा प्रगति ने यह साबित कर दिया है कि प्रकृति में निहित हर तत्व का अपना महत्व है।
गिला मॉन्स्टर और जरारका सांप जैसे जहरीले जीवों के जहर से तैयार दवाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर इन संसाधनों का सही दिशा में उपयोग किया जाए, तो यह न केवल बीमारियों को मिटाने में मददगार होंगे, बल्कि मानव जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार सकते हैं।