H3N2 Virus In Kids: कोरोना के बाद अब देश में H3N2 वायरस तेजी से बढ़ता जा रहा है। आए दिन इस वायरस के नए मामले देखने को मिलते ही हैं। इसी वजह से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नींद उड़ गई है। इसी बीच डॉक्टर ने यह भी कहा है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों के अंदर वायरस तेजी से फैला रहा है और कम उम्र के बच्चों में संक्रमण का गंभीर रूप से असर पड़ रहा है। यहां तक की बच्चों को आईसीयू तक में रखने की नौबत आ गई है। सूचनें वाली बात यह है कि इस वायरस पर किसी भी दवा का कोई असर नहीं हो रहा हैं। इसके साथ ही कई डॉक्टर ने यह सलाह भी दी है कि इस बीमारी में एंटीबायोटिक दवाइयों के ज्यादा इस्तेमाल से बचें।
बच्चों में क्यों बना H3N2 खतरा
डॉक्टर का कहना यह है कि जिन बच्चों को H3N2 वायरस से गुजरना पड़ रहा है। उनके अंदर बुखार, खांसी और गले में खराश के लक्षण के साथ उल्टी, दस्त और पानी की कमी, गंभीर कमजोरी, सुस्ती के भी लक्षण देखे जा रहे हैं। जिसके बाद बच्चों के अंदर निमोनिया या फिर सांस की दूसरी बीमारियां बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। जिससे उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है और मौत का खतरा भी बढ़ चुका है।
बच्चों को H3N2 से बचाएं
H3N2 से बच्चों को बचाने के लिए स्वच्छता और टीकाकरण को एक अच्छा जरिया बताया गया है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन बच्चों के अंदर निमोनिया, हृदय रोग या फिर शारीरिक रूप से असमर्थ जैसी परेशानियां पहले से है। यह वायरस उन बच्चों को जल्दी पकड़ रहा है। ऐसे में स्वच्छता का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखना बच्चों की जान बचा सकता है।
बच्चों के लिए टीकाकरण
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को H3N2 से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। जिसमें 6 महीने से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों को टीकाकरण के लिए जरूर ले जाना चाहिए और हर बरसात से पहले भी उनका टीकाकरण होना चाहिए। इस काम से H3N2 वायरस होने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है और लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती हैं।
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