India News (इंडिया न्यूज),High Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल शरीर के समुचित कामकाज में अहम भूमिका निभाता है। कोलेस्ट्रॉल स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है और ज़रूरी हॉरमोन का उत्पादन करता है। यह शरीर में विटामिन के परिवहन में भी मदद करता है और इस तरह हड्डियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाता है। जब कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए इतना ज़रूरी है, तो लोग इससे क्यों डरते हैं? दरअसल, हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं, जिनमें से एक अच्छा कोलेस्ट्रॉल और दूसरा बुरा कोलेस्ट्रॉल होता है। जब शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है, तो कई तरह की समस्याएँ पैदा होने लगती हैं। दोनों का स्तर सही रखना ज़रूरी है।

शरीर में जब खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल या ‘बैड कोलेस्ट्रॉल’ के नाम से जाना जाता है। खराब कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। जिसकी वजह से हर साल 4.4 मिलियन मौतें होती हैं। भारत में 31% लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल है।

कोलेस्ट्रॉल एक साइलेंट किलर है

हाई कोलेस्ट्रॉल इसलिए भी खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके लक्षण शरीर में जल्दी नहीं दिखते। इसीलिए इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। हाई एलडीएल लेवल एथेरोस्क्लेरोसिस नामक स्थिति पैदा कर सकता है, जिसमें एलडीएल कण रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर जमा होकर प्लाक बनाते हैं। इससे रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। यह स्थिति दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य बीमारियों का कारण बनती है।

कोलेस्ट्रॉल किस उम्र में बढ़ता है?

पहले कहा जाता था कि हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति 50 की उम्र के बाद ही होती है, लेकिन यह सच नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार, 18 साल के बाद आपको नियमित रूप से लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाना चाहिए। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का पता चलता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अलग-अलग भी हो सकता है।

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कैसे करें कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित?

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी मेहता का कहना है कि हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित कई लोग बिल्कुल ठीक महसूस करते हैं, जिससे उन्हें जोखिम कम महसूस होता है। हमारे पास आने वाले लगभग 80% मरीज बताए गए तरीके से रहना बंद कर देते हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल में शरीर में कोई दर्द या ऐसी कोई समस्या नहीं होती, यह चुपचाप शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

सामान्य कोलेस्ट्रॉल लेवल के लिए आपको एलडीएल को कम करने की लगातार कोशिश करनी होगी। इसके लिए स्वस्थ आदतें अपनाना और बताई गई दवाइयों का सेवन करना जरूरी है। हालांकि, ज्यादातर लोग लंबे समय तक खाने-पीने से परहेज नहीं कर पाते। जैसे-जैसे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, हाई कोलेस्ट्रॉल भी कम होता जाता है। आदर्श कोलेस्ट्रॉल स्तर प्राप्त करने के लिए आपको हमेशा स्वस्थ आदतें अपनानी चाहिए। इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।

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