India News (इंडिया न्यूज), How To Cure Piles: ऑफिस में हमेशा बैठकर काम करना किसे अच्छा नहीं लगता है, लेकिन अधिकतर समय बैठे रहने से व्यक्ति को पाइल्स जैसी बड़ी बीमारी हो सकती है। एक व्यक्ति के गुदा के अंदर तीन नसें होती हैं, जिसमें दो नस दाएं तो एक नस बाएं साइड होती है। लगातार बैठे रहने से इन नसों पर दबाव बनता है जिस वजह से वे फूल जाती हैं। नशों के फूल जानें के बाद जब व्यक्ति शौच के दौरान जोर देता है तो ये नसें अधिक कमजोर होती हैं। धीरे-धीरे ये मस्सा बन जाती हैं, जिसे बवासीर या कहा जाता है।
क्यों होती है पाइल्स की बीमारी?
इसके अलावा लिवर सिरोसिस होने और कैंसर से भी पाइल्स का खतरा होता है। पाइल्स होने का कारण कई बार व्यक्ति की खराब जीवनशैली और गलत खानपान भी होता है। यदि व्यक्ति फाइबरयुक्त भोजन, हरी सब्जी व मौसमी फल नहीं खाता है तो इससे पाचन तंत्र खराब होता है और कब्ज की समस्या सामने आती है। आंकड़ों बताते हैं कि ओपीडी में आने वाला हर प्रत्येक पांचवां व्यक्ति पाइल्स या फिशर की बीमारी का शिकार रहता है। इन मरीजों में अधिकतर युवा शामिल हैं। हालांकि, यह बीमारी जब होती थी तो बिना सर्जरी के खत्म होना मुश्किल होता था लेकिन अब फिशर और पाइल्स दोनों ही बीमारियों का इलाज बिना सर्जरी के भी किया जा सकता है। अच्छे खानपान और अनुशासित दिनचर्या से यह कण्ट्रोल हो सकती है।
खूनी पाइल्स
जिसे खूनी पाइल्स होती है उस व्यक्ति को मल त्यागने के दौरान कोई खास तकलीफ नहीं होती है, उसे सिर्फ खून ही आता है। खुनी पाइल्स में गुदा द्वार के अंदर मस्सा बन जाता है जो मल त्यागने के दौरान बाहर आने लगता है और मल त्यागने के बाद खुद ही अंदर हो जाता है। लेकिन जब यह बीमारी पुरानी हो जाती है तो यह मस्सा बाहर आने के बाद हाथ से दबाना पड़ता है उसके बाद ही अंदर होता है। पाइल्स की आखिरी स्टेज जब आती है उसमें यह मस्सा हाथ से दबाने के बाद भी अंदर नहीं होता है यह स्थिति होने पर व्यक्ति की दर्द से चीखें निकल जाती हैं। पाइल्स की दिक्कत इंसान का बैठना भी मुश्किल कर देती है। इसके अलावा धीरे-धीरे शौच के रास्ते से खून जाना भी बड़ी मुसीबत का कारण बनता है इससे शरीर में खून की कमी से एनीमिया का जन्म होता है। यदि आपको पाइल्स के लक्षण दिखते हैं तो बिना सोचे तुरंत ही डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
खूनी पाइल्स के ये हैं लक्षण
ध्यान रहे कि पाइल्स का दर्द सभी को अलग तरह से होता है, परन्तु रेक्टल के स्थान पर दर्द, खुजली, जलन, शौच के दौरान ताजा सुर्ख लाल खून का आना, सूज जाना सभी पाइल्स के सामान्य लक्षण हैं।
पाइल्स रहने का सबसे बड़ा कारण पेट में कब्ज होना है इसके अलावा अत्यधिक मात्रा में फास्टफूड खाना, शरीर में फाइबर की कमी होना, अत्यधिक भारी चीजें उठा लेना, तनाव लेना, पानी कम पीना और मोटापा होना भी खूनी पाइल्स होने का कारण है।
फिशर पाइल्स
फिशर पाइल्स होने पर अक्सर पेट खराब रहने लगता है। भोजन नहीं पच पाता है जिससे गैस बनने की समस्या होने लगती है। फिशर पाइल्स में गुदा में जलन, दर्द, खुजली और शरीर में बेचैनी होने लगती है किसी काम में मन लगना भी मुश्किल हो जाता है। मल कड़ा हो जाता है जिससे खून आने की समस्या भी हो सकती है।
इन बातों का रखें खास ख्याल
- गर्मियों के मौसम में 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए इसके बाद सर्दियों में कम से कम ढाई लीटर पानी जरूर पिएं l
- प्रतिदिन 50 मिनट तक ब्रिस्क वाक करना चाहिए, सूर्य नमस्कार करने से भी बहुत फायदा होता है।
- जूस न पीकर मौसमी फल खाएं। अधिक तेल में तली हुई चीजें न खाएं, मिर्च-मसाला और फास्टफूड से भी बचना चाहिए।
- आपको हरी सब्जियां पालक, मूली, खीरा , धनिया, लौकी और मेथी का अधिक सेवन करना चाहिए।
- हो सके तो बिना छना आटे का सेवन करें इससे फाइबर की कमी नहीं होगी और कब्ज की समस्या कम हो जाएगी।
- यदि आप चाहें तो रात को सोने से पहले एक गिलास पानी के साथ इसबगोल की भूसी दो चम्मच खा सकते हैं, इससे लाभ होगा।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।