India News (इंडिया न्यूज़), Chewing Tulsi Leaves Side Effects: हमारे देश में पूजा-पाठ में तुलसी के पत्तों को खास महत्व दिया जाता है। वहीं, आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों के लिए भी तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि सर्दी-जुकाम, खांसी, सिरदर्द जैसी मौसमी समस्याओं से राहत पाने के लिए अक्सर हमारे घरों में तुलसी का काढ़ा बनाया जाता है। वहीं, कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में तुलसी के पत्तों का सेवन काफी कारगर साबित हो सकता है। हालांकि, कई लोग तुलसी के पत्तों का सेवन गलत तरीके से करते हैं। तो यहां जानें कि तुलसी के पत्तों का सेवन करने का क्या है सही तरीका और किस तरह से तुलसी के पत्तों का सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
इस तरीके से भूलकर भी ना करें तुलसी के पत्तों का सेवन
आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार, तुलसी के पत्तों को कभी भी चबाकर नहीं खाना चाहिए। दरअसल, तुलसी के पत्तों में पारा पाया जाता है। जब आप तुलसी के पत्तों को सीधे चबाते हैं, तो यह पारा आपके मुंह में घुलने लगता है और दांतों की सबसे ऊपरी परत या इनेमल को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इन पत्तों को सीधे चबाने से बचना चाहिए।
तो फिर क्या होगा तुलसी के पत्तों का सेवन करने का सही तरीका?
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, तुलसी के पत्तों से बनी चाय पीना, सूखे तुलसी के पत्तों का चूर्ण खाना और तुलसी के पत्तों का जूस पीना आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मिलते हैं ये गजब के फायदें
1. तनाव कम होता है
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मानसिक शांति भी मिलती है। तुलसी के पत्तों में तनाव कम करने के गुण होते हैं। यह मस्तिष्क को आराम देता है और चिंता को कम करता है।
2. तुलसी कोलेस्ट्रॉल कम करती है
क्या आप जानते हैं कि तुलसी के पत्तों में एंटीवायरल और एंटी-कोलेस्ट्रॉल गुण भरपूर मात्रा में होते हैं? तुलसी के पत्तों का सेवन करने से आपके रक्त में वसा या लिपिड का स्तर कम हो जाता है, जिससे इस्केमिक अटैक और स्ट्रोक जैसी स्थितियों का जोखिम कम हो जाता है। तुलसी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
3. ब्लड प्रैशर के लेवल को रखता है कंट्रोल
तुलसी के पत्तों का सेवन करने का एक और फायदा उन लोगों को मिलता है, जिनका ब्लड प्रैशर का लेवल अधिक रहता है। दरअसल, तुलसी के पत्तों में ऐसे गुण होते हैं, जो ब्लड प्रैशर के लेवल को कम रखते हैं। इससे हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।