India News (इंडिया न्यूज),  Incredible Benefits of Shatavari: केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने हाल ही में “शतावरी फॉर बेटर हेल्थ” अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी को पूरे भारत में प्रचारित किया जा रहा है। शतावरी को स्वास्थ्य के लिए अमृत माना जाता है और इसे नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है और त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इस अभियान के तहत सरकार चाहती है कि लोग शतावरी का अधिक से अधिक सेवन करें ताकि वे न केवल बीमारियों से बचे रहें बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत बने रहें।

क्या है शतावरी?

शतावरी की जड़ में एस्पाइराजेमाइन और रेसिमोसॉल नामक दो प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, यह जड़ी-बूटी सूजन को कम करने में सहायक है, जिससे जोड़ों का दर्द, गठिया और मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। जो लोग थकान और कमजोरी महसूस करते हैं, उनके लिए शतावरी किसी वरदान से कम नहीं। नियमित सेवन से शरीर में ताकत बनी रहती है और दिनभर ऊर्जा महसूस होती है।

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इम्यूनिटी बूस्टर

2004 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, शतावरी की जड़ में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। यह वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे सर्दी-खांसी और अन्य मौसमी बीमारियां दूर रहती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि शतावरी का प्रभाव कोडिन फॉस्फेट नामक दवा के समान होता है, जो खांसी और सर्दी में राहत दिलाती है। इसके अलावा, यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती, जिससे डिहाइड्रेशन से बचाव होता है।

किडनी और पेशाब संबंधी समस्याओं में लाभकारी

शतावरी एक प्राकृतिक डाययूरेटिक (मूत्रवर्धक) है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करती है। हार्ट फेल्योर जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद मानी जाती है। इसके अलावा, यह पेशाब से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करती है। महिलाओं में पेशाब की तकलीफें अधिक देखने को मिलती हैं, इसलिए आयुर्वेद में महिलाओं को शतावरी के सेवन की विशेष रूप से सलाह दी जाती है।

पेट और पाचन तंत्र के लिए रामबाण

अगर आप गैस्ट्रिक अल्सर या पाचन संबंधी किसी भी समस्या से परेशान हैं, तो शतावरी का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। 2005 में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि शतावरी की जड़ गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने में सक्षम है। यदि आंतों, पेट या आहार नली में कोई घाव हो तो यह उसे भरने में मदद कर सकती है।

किडनी स्टोन से राहत

शोध बताते हैं कि शतावरी किडनी स्टोन को घुलाने में मदद कर सकती है। किडनी में बनने वाले पत्थर आमतौर पर ऑक्जीलेट नामक पदार्थ से बनते हैं, जो पालक, चुकंदर और फ्रेंच फ्राइज़ जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शतावरी में ऐसे तत्व होते हैं जो इन ऑक्जीलेट क्रिस्टल्स को घुलाने का काम करते हैं और किडनी स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं।

डायबिटीज में भी कारगर

डायबिटीज से परेशान लोगों के लिए शतावरी एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। 2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शतावरी में कुछ ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है।

एजिंग को रोककर जवां बनाए

शतावरी में मौजूद एंटी-एजिंग गुण इसे महिलाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बनाते हैं। यह त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाती है, जो समय से पहले झुर्रियों और बुढ़ापे का कारण बनते हैं। इससे कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है, जिससे त्वचा में कसाव बना रहता है और चेहरा अधिक जवां नजर आता है।

मानसिक स्वास्थ्य में सुधार

अगर आप डिप्रेशन या तनाव से जूझ रहे हैं, तो शतावरी आपकी मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकती है। यह मूड को स्थिर रखती है और तनाव को कम करने में मदद करती है। वर्तमान में डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन उनके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। ऐसे में शतावरी एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प साबित हो सकती है।

त्वचा के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद

शतावरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो शरीर, मन और सौंदर्य तीनों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। यह न केवल इम्यूनिटी को मजबूत करती है, बल्कि पाचन, हृदय, किडनी और त्वचा के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है। आयुष मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे अभियान का उद्देश्य लोगों को शतावरी के अद्भुत गुणों से परिचित कराना है ताकि हर कोई इसका लाभ उठा सके। अगर आप भी स्वस्थ और ऊर्जावान रहना चाहते हैं, तो शतावरी को अपने आहार में शामिल करना न भूलें।

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